शिक्षकों की मौत को लेकर यूपी में छिड़ा सियासी संग्राम, अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सरकार को दिखाया आईना
यूपी में शिक्षकों और शिक्षा मित्रों के कोरोना संक्रमण से मौत को लेकर सियासी पारा गर्मा गया है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है.
लखनऊ: पंचायत चुनाव में ड्यूटी को लेकर उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की मौत को लेकर सियासत जारी है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. शिक्षकों की मौत को लेकर सियासत उस वक्त तेज हो गई जब यूपी सरकार ने एक सूची जारी करते हुए कहा था कि, पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान तीन शिक्षकों की मौत हुई थी. वहीं, राज्य शिक्षक संघ ने सूची जारी करते हुए 1621 शिक्षकों की मौत की बात कही है.
सपा मुखिया ने किया ट्वीट
इस बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि ''अपनी शिक्षिका पत्नी को खोने वाले गोरखपुर के शिवशंकर प्रजापति के अनुसार "यूपी पंचायत चुनाव लोकतंत्र नहीं मौत का त्यौहार है".. चुनाव प्रत्याशी व ड्यूटी में लगे शिक्षक अपनी जान गँवा रहे हैं. चुनाव की आड़ में मौत बांटी गयी है. ये हत्याएं हैं, इनकी जवाबदेही तय हो व हर मृतक को इंसाफ मिले.''
अपनी शिक्षिका पत्नी को खोने वाले गोरखपुर के शिवशंकर प्रजापति के अनुसार "यूपी पंचायत चुनाव लोकतंत्र नहीं मौत का त्यौहार है".. चुनाव प्रत्याशी व ड्यूटी में लगे शिक्षक अपनी जान गँवा रहे हैं।चुनाव की आड़ में मौत बांटी गयी है।ये हत्याएं हैं,इनकी जवाबदेही तय हो व हर मृतक को इंसाफ मिले।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 20, 2021
इससे पहले अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा था कि, ''उप्र का समस्त शैक्षिक जगत भाजपा सरकार द्वारा मृतक शिक्षकों व शिक्षामित्रों के प्रति तिरस्कारपूर्ण रवैये से बेहद आक्रोशित है. भाजपा सरकार मृतकों की संख्या केवल ‘3’ बता रही है. भाजपा सरकार शिक्षक संघ की ‘1621’ मृतकों की सूची को मुआवज़े का मान न देकर मृतकों का अपमान कर रही है.''
जानें- क्या बोले सीएम योगी आदित्यनाथ
पंचायत चुनाव में एक हजार से अधिक शिक्षकों और शिक्षा मित्रों के कोरोना संक्रमण से मरने के शिक्षक संघ के दावों के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महामारी के मौजूदा परिदृश्य में इस संबंध में मौजूदा दिशा निर्देशों पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है. आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस संक्रमण के कारण जिन कर्मचारियों की मौत हुई है, उनके परिजनों के साथ पूरी संवेदनशीलता और सहानुभूति से सहयोग किया जाएगा.
ये है विवाद
आपको बता दें कि, यूपी में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव के दौरान कई शिक्षकों की मौत की खबर थी. वहीं, राज्य के शिक्षक संघ के मुताबिक, 1621 शिक्षकों ने मतदान ड्यूटी के दौरान दम तोड़ा था. यही नहीं, उन्होंने इस पर विस्तार से सूची भी जारी की है. लेकिन वहीं, सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि ड्यूटी के दौरान केवल तीन शिक्षकों की मौत हुई थी. फिलहाल अब ये मुद्दा सियासी रंग लेता दिखाई दे रहा है.
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