लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश में एक ओर कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा सरकार की मनमानी कार्यशैली और दमनकारी नीतियों से जनता त्रस्त है. स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं, भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं है. बेहाल किसान, बेरोजगारी और अपराध बेलगाम है. इसके विरोध में 21 सितम्बर 2020 को समाजवादी पार्टी सभी जिलों में तहसील स्तर पर शारीरिक दूरी रखते हुए जिला प्रशासन के माध्यम से महामहिम राज्यपाल महोदया को संबोधित ज्ञापन सौंपेगी.


कोरोना किट की खरीद में हुआ घोटाला
अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना संकटकाल में भाजपा सरकार स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मुहैया कराने में लापरवाह है. उचित चिकित्सा के अभाव में जानें जा रही हैं. कोविड-19 अस्पतालों में अव्यवस्थाओं के चलते जहां संक्रमित दिक्कत में हैं वहीं स्वास्थ्यकर्मी भी साधन-सुविधाओं के अभाव से परेशान हैं. समाजवादी सरकार की 108, 102 सेवाएं निष्क्रिय कर दी गई हैं. प्रदेश की लगभग हर ग्राम पंचायत में कोरोना किट की खरीद में महाघोटाला हुआ है.


महिलाएं और बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार के राज में अपराधी बेखौफ हैं. पुलिस प्रशासन उनके सामने असहाय नजर आता है. रोज हत्या, लूट और अपहरण की घटनाएं हो रही है. महिलाएं और बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं. रोजगार की मांग करने पर नौजवानों पर पुलिस लाठियां चलाकर अच्छा नहीं कर रही है. अवसाद में 3200 शिक्षामित्र आत्महत्या कर चुके हैं. आरक्षण से भी खिलवाड़ हो रहा है. मुख्यमंत्री जी रोजगार के झूठे आंकड़े पेश कर युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं पर अब नौजवान सच्चाई से वाकिफ है वो उनके झांसे में नहीं आएगा. युवा आक्रोशित है.


किसानों की बदहाली बढ़ी है
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार तो किसानों के हितों के प्रति पूर्णतया असंवेदनशील है. इनके कार्यकाल में किसानों की बदहाली बढ़ी है. उसे न तो लागत का ड्योढ़ा मूल्य मिला है और न ही उसकी आय दोगुनी करने की दिशा में कोई योजना है. सरकार उसे समर्थन मूल्य भी दिलाने से असफल रही है. अब नए अध्यादेश लाकर भाजपा किसानों को अपनी जमीन पर ही मजदूर बनाने और खेती को अमीरों के हाथ में गिरवी रखने की साजिश कर रही है. समाजवादी पार्टी इन शोषणकारी साजिशों का विरोध करेगी.


बंद हो रहे हैं उद्योग
पूर्व सीएम ने कहा कि अनियोजित लॉकडाउन के दौरान लाखों श्रमिक अपने घर वापस आए, रोजगार के अभाव, आर्थिक तंगी, नौकरी न होने से वे मजबूर होकर या तो फिर पलायन कर रहे हैं या हताशा में आत्महत्या कर रहे हैं. कारोबार न चलने से व्यापारी भी अपने गले में फांसी लगा रहे है. पूंजी निवेश और रोजी रोजगार की बातें काल्पनिक हैं. प्रदेश में न तो नए उद्योग लगे हैं, न ही एक यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है. भ्रष्टाचार के चलते लगे लगाए उद्योग भी बंद होते जा रहे हैं.


काम आ रहे हैं सपा के बांटे गए लैपटॉप
अखिलेश ने कहा कि मंहगाई चरम पर है. आसमान छूते सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों के दामों से जनता की थैली और थाली दोनों पर मार पड़ी है. मंहगाई ने थालीनॉमिक्स की थाली में ही छेद कर दिया है. स्कूल कॉलेज बंद हैं. छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बंद है. ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम दिखावटी साबित हो रहा है क्योंकि इसके लिए आवश्यक स्मार्टफोन गरीब बच्चों के पास नहीं है. समाजवादी सरकार ने जो 18 लाख लैपटॉप बांटे थे, वहीं अब काम आ रहे हैं क्योंकि भाजपा ने अपने लैपटाप देने के वादे निभाए ही नहीं हैं.


जनता के पास अब सब्र नहीं बचा है
अखिलेश यादव ने कहा कि जनता के पास अब हर मोर्चे पर विफल भाजपा सरकार के झूठ और पाखंड को पचाने का सब्र नहीं बचा है. 21 सितम्बर 2020 को समाजवादी कार्यकर्ताओं के साथ जनता भी तहसील स्तर पर शारीरिक दूरी रख कर एकत्र होकर महामहिम राज्यपाल महोदया को संबोधित ज्ञापन देगी और उनसे संवैधानिक कार्रवाई करने का अनुरोध करेगी.


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