लखनऊ: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ छात्र हित की बात करते हैं, छात्रों के लिए तमाम योजनाएं लाते हैं. प्राविधिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निर्देश देते हैं तो दूसरी तरफ जिस डॉ एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी पर इसे अमली जामा पहनाने का बड़ा दायित्व है वो छात्रों की जेब पर डाका डालने में लगी है. हाल ही में AKTU की परीक्षा समिति ने एक ऐसा छात्र विरोधी फैसला किया है जिसमें गलती तो परीक्षक करेगा लेकिन वसूली निर्दोष छात्रों से होगी.
AKTU की परीक्षा समिति ने लिया फैसला
हाल ही में AKTU की परीक्षा समिति ने ये फैसला लिया है कि परीक्षा परिणाम आने के बाद अगर किसी छात्र को लगता है कि उसकी कॉपी ठीक से चेक नहीं हुई, उसे कम नंबर मिले हैं तो वो चैलेंज इवैल्यूएशन के लिए आवेदन कर सकता है. इसमे रिजल्ट आने के 45 दिन में छात्र को 300 रुपये शुल्क देकर आवेदन करना होगा. इसके बाद AKTU छात्र को उसकी आंसर शीट स्कैन कर मेल पर भेजेगा.
2500 रुपये शुल्क जमा करना होगा
अपनी आंसर शीट देखने के बाद अगर छात्र को यकीन हो जाता है कि उसकी कॉपी ठीक चेक नहीं हुई यानी किसी आंसर को सही से चेक नहीं किया गया या जितने नंबर मिलने चाहिए थे उससे कम मिले हैं तो वो अपनी कॉपी दोबारा चेक कराने के लिए आवेदन कर सकता है. इसके लिए उसे 2500 रुपये शुल्क जमा करना होगा. इसके बाद विश्वविद्यालय उस कॉपी को दूसरे एक्सपर्ट से चेक कराएगा.
स्टूडेंट्स कर रहे हैं विरोध
दोबारा चेक होने पर अगर छात्र के अंक 20 फीसदी से अधिक बढ़ जाते हैं तो 1000 रुपये काटकर 1500 रुपये वापस कर दिए जाएंगे. यानी इन सब में विश्वविद्यालय स्टूडेंट्स से लिए 300 डिजिटल कॉपी के और 1000 बाद में वापस नहीं करेगा. इसी बात को लेकर स्टूडेंट्स का विरोध है. स्टूडेंट्स का कहना है कि अगर 20 फीसदी से अधिक नंबर बढ़ते हैं तो साफ जाहिर है कि गलती स्टूडेंट की नहीं बल्कि उस शिक्षक की है जिसने कॉपी चेक की. जब स्टूडेंट की गलती नहीं तो उससे 1300 रुपये की वसूली क्यों.
बिना वजह सजा मिलेगी
AKTU में स्टूडेंट आकांक्षा का कहना है कि गलत नंबर आने से स्टूडेंट पहले ही मानसिक रूप से परेशान होगा. फिर गलती न होने के बावजूद उसी स्टूडेंट से 1300 रुपये लेना तो बिल्कुल गलत है. यहीं के स्टूडेट राहुल के अनुसार ये स्टूडेंट्स के साथ ज्यादती है. उसे बिना वजह सजा मिलेगी.
अलग से पेमेंट करना होता है
वहीं, इस मामले पर एबीपी गंगा ने जब AKTU के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक से बात की तो उन्होंने कहा कि चैलेंज इवैल्यूएशन के लिए कॉपी दूसरे एक्सपर्ट पास भेजी जाती है. इसके लिए उसे अलग से पेमेंट करना होता है. उसी पेमेंट का शुल्क स्टूडेंट से काटा जा रहा है. हालांकि, गलत कॉपी जांचने वाले को भी सजा देते हुए आगे के लिए डिबार किया जाता है.
ये स्टूडेंट्स के साथ नाइंसाफी है
लेकिन, ऐसे में अब सवाल ये है कि जब 20 फीसदी से अधिक अंक बढ़ने पर साफ हो गया कि स्टूडेंट सही है और गलती कॉपी जांचने वाले की है तो वसूली स्टूडेंट से क्यों? वहीं विश्वविद्यालय के शिक्षक भले ही खुलकर इस फैसले का विरोध न कर पा रहे हों लेकिन दबी जुबान में यही कह रहे हैं कि ये स्टूडेंट्स के साथ नाइंसाफी है.
एक नजर इस पर भी
- प्रदेश में AKTU से लगभग 755 कॉलेज सम्बद्ध हैं
- इनमें इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, आर्किटेक्चर समेत अन्य कोर्सेज चलते हैं
- इन कॉलेजों में करीब 2 लाख, 10 हजार स्टूडेंट्स पढ़ते हैं
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