Lucknow: सहायक शिक्षक भर्ती में HC के फैसले से अभ्यर्थी नाराज, बेसिक शिक्षा मंत्री के घर के सामने दिया धरना
UP News: बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षक भर्ती मामले में जिस तरह से न्यायालय का आदेश आया है, हम चाहते हैं कि सभी का हित हो. सरकार नहीं चाहती कि किसी का भी अहित हो.
Lucknow News: बेसिक शिक्षा विभाग की 69 हजार पदों की सहायक शिक्षक भर्ती में हाइकोर्ट की लखनऊ (Lucknow) बेंच का फैसला आने के बाद इससे प्रभावित हो रहे अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. भले ही कोर्ट के फैसले के बाद बेसिक शिक्षा विभाग अभी मंथन में ही जुटा हो लेकिन अभ्यर्थी इस फैसले को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास पहुंच गए. बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास के सामने ही धरने पर बैठ गए.
अभ्यर्थियों के धरने प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल और पीएसी पहुंच गया. अभ्यर्थी लगातार बेसिक शिक्षा मंत्री से मुलाकात की मांग कर रहे थे. पहले उनको बताया गया कि मंत्री संदीप सिंह शहर में नही हैं.लेकिन कुछ ही देर में आवास का गेट खुला और मंत्री संदीप सिंह अपनी गाड़ी से सीधे निकल गए. यह देख अभ्यर्थी और भी भड़क गए.अभ्यर्थियों का कहना था कि उनका भविष्य अंधकार में है और बेसिक शिक्षा मंत्री बिना मिले निकल गए. अभ्यर्थी जब उठने को तैयार नहीं हुए तो पुलिस ने जबरन उन्हें वहां से उठाया और बसों में भरकर ईको गार्डन ले गए. इस दौरान अभ्यर्थियों की पुलिस से धक्का मुक्की भी हुई.कुछ अभ्यर्थी तो अपने बच्चों को लेकर धरने पर बैठे थे.ये हालात देखकर बच्चे भी रोने लगे.
'सभी चीजें पारदर्शी तरीके से की जाएंगी'
इस मामले में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षक भर्ती मामले में जिस तरह से न्यायालय का आदेश आया है हम चाहते हैं कि सभी का हित हो. सरकार नहीं चाहती किसी का भी अहित हो. जो भी न्यायालय का निर्णय आया है उसके अनुसार काम करेंगे. 3 महीने का हमें समय दिया है उस पर आगे काम करेंगे. सभी चीजें पारदर्शी तरीके से करी जाएंगी.सरकार सभी का हित चाहती है, चाहे वह पिछड़े वर्ग का हो या किसी भी समाज का. नियम के अनुसार कार्रवाई होगी, जो न्यायालय के आदेश है उस हिसाब से काम करेंगे.
मालूम हो कि हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 13 मार्च के आदेश में कहा है कि 69 हज़ार पदों की जो शिक्षक भर्ती हुई थी, उसमें आरक्षण तय करने में नियमों का पालन नहीं हुआ. 6800 शिक्षकों की चयन सूची को हाईकोर्ट ने रद्द किया है. कोर्ट ने 1 जून 2020 को जारी चयन सूची का रिव्यू करने को कहा है. रिव्यू करते समय 50 फीसदी से अधिक आरक्षण न हो. सरकार को इसके लिए तीन महीने का समय दिया है.तब तक काम कर रहे शिक्षक हटाए नही जाएंगे.वहीं अभ्यर्थियों का जो समूह आज बेसिक शिक्षा मंत्री के यहां धरना देने पहुंचा उसका कहना है कि सरकार की लचर पैरवी की वजह से कोर्ट का ये आदेश आया है.सरकार को इसके खिलाफ ऊपर की अदालत में जाना चाहिए.अभ्यर्थी इस परिस्थिति के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की भी मांग कर रहे हैं.
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