UP News: बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) की तरफ से उपराष्ट्रपति चुनाव (Presidential) में एनडीए उम्मीदवार (NDA Candidate) को समर्थन पर सुभासपा के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता अरुण राजभर (Arun Rajbhar) ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ये मायावती का अपना निर्णय है उनके पास अपना वोट है. अरुण ने कहा कि मायावती ने आरोप लगाया है कि पक्ष-विपक्ष में आपसी सहमति नहीं बनी. राष्ट्रपति चुनाव में भी यही आरोप लगाया था लेकिन असल में विपक्ष खुद ही एकजुट नहीं होना चाहता. वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ से रामगोपाल यादव की मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि सपा नेता के अंदर बीजेपी की आत्मा घुस गई है.


कांशीराम का खड़ा किया पिलर ढह रहा है - अरुण


अरुण राजभर ने कहा कि बहन जी हमेशा से यह क्रेडिट लेना चाहती हैं हम जीत की तरफ जा रहे हैं लेकिन इसका इंपैक्ट दलित समाज पर बहुत बड़ा पड़ रहा है. कांशीराम साहब ने जिस पिलर को खड़ा किया था लगातार वो ढहता जा रहा है. इससे कांशीराम और बाबा साहब के अनुयायियों को बहुत ठेस पहुंच रही है. लगातार संगठन कमजोर होता जा रहा है, उनकी वोट बैंक दूसरे गोल में शिफ्ट होते जा रहे हैं. हर चुनाव में वोट प्रतिशत घटता जा रहा, सीटें घटती जा रही हैं. अगर ऐसे ही निर्णय लेती रही तो भविष्य में लगता है पार्टी खत्म होने के कगार पर पहुंच जाएगी. विधानसभा चुनाव में देखिए जो सरकार बनाने वाली पार्टी थी उससे बड़ी पार्टी आज सुभासपा है.उत्तर प्रदेश में कांग्रेस से बड़ी पार्टी सुभासपा है. जो भी जमीन पर रहेगा वह मजबूत रहेगा, जो ट्विटर पर आ जाएगा वह जमीन से चला जाएगा. बहन जी की जबान से कभी सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट के बारे में सुना? विपक्ष के लोग अति पिछड़ों के नेताओं को नहीं चाहते कि हम आगे आएं.


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वहीं, रामगोपाल यादव की सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम चिट्ठी और शिवपाल यादव के ट्वीट पर अरुण राजभर ने कहा कि शिवपाल यादव ने एकदम सही बात कही. जब आंच आपके परिवार तक पहुंचती है तो आप चिल्लाने लगते हैं लेकिन आजम खान दो साल से अधिक समय जेल में रहे तो क्या प्रोफेसर रामगोपाल उनसे मिलने की हिम्मत जुटा पाए? कभी अखिलेश यादव ने जेल जाने की हिम्मत की है? अब उन के बहुत सारे मुसलमान ऐसे नेता थे जिन पर बुलडोजर चल रहा है, घर गिराए गए, पेट्रोल पंप तोड़े गए. क्या कभी प्रोफ़ेसर साहब वहां नजर आए? न्याय की लड़ाई एकपक्षीय नहीं होनी चाहिए. आप चुपके-चुपके अंधेरे में जाकर की डीलिंग कर रहे हैं. पहले अखिलेश यादव आरोप लगाते थे ओपी राजभर पर जब वह अपने विधायक को लेकर के मुख्यमंत्री के यहां गए. आरोप लगाए थे कि इनके अंदर बीजेपी की आत्मा बस गई है. वह आत्मा हमारे में से निकलकर के प्रोफेसर साहब में घुस गई है. अब उनकी झाड़-फूंक करा ले अखिलेश यादव नहीं तो पूरे परिवार के लोग धीरे-धीरे शरणम गच्छामि करने पहुंच जाएंगे. 


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