शिक्षक भर्ती मामले को लेकर केशव प्रसाद मौर्य के घर का घेराव, प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प
UP 69000 Teacher Recruitment: यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला लंबे समय से चल रहा था. बीते दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस भर्ती की मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया.
UP News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार को 69,000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर प्रदर्शनकारियों ने यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भी झड़प हुई. सोमवार सुबह प्रदर्शनकारी यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव करने पहुंचे थे. इस दौरान पुलिस ने उन्हें डिप्टी सीएम के आवास से पहले ही रोक दिया. पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद हंगामा किया और केशव प्रसाद के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी.
पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा, लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शनकारी मौके पर ही डटे रहे. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पकड़कर गाड़ी में बैठाया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि “ पिछले चार साल से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है. हमारी डिमांड है कि सरकार सभी मांगों को पूरा करें.”
#WATCH | Uttar Pradesh: Aspirants hold a protest outside the residence of UP Deputy CM Keshav Prasad Maurya demanding appointment letters in the case of recruitment of 69 thousand teachers in Lucknow. pic.twitter.com/tuIxik30dg
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 2, 2024
बता दें कि प्रदर्शनकारी 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला लंबे समय से चल रहा था. बीते दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस भर्ती की मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया. साथ ही कोर्ट ने 3 महीने के भीतर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का भी आदेश दिया.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोर्ट के फैसले पर कहा था, ''69,000 शिक्षक भर्ती भी आखिरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई. यही हमारी मांग है कि नए सिरे से न्यायपूर्ण नई सूची बने, जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियां संभव हो सके और प्रदेश में भाजपा काल मे बाधित हुई शिक्षा-व्यवस्था पुनः पटरी पर आ सके. हम नई सूची पर लगातार निगाह रखेंगे और किसी भी अभ्यर्थी के साथ कोई हकमारी या नाइंसाफी न हो, ये सुनिश्चित करवाने में कंधे-से-कंधा मिलाकर अभ्यर्थियों का साथ निभाएंगे. ये अभ्यर्थियों की संयुक्त शक्ति की जीत है. सभी को इस संघर्ष में मिली जीत की बधाई और नव नियुक्तियों की शुभकामनाएं!''
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