UP News: धनतेरस (Dhanteras) उत्सव के दौरान उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में सभी क्षेत्रों ने भारी मुनाफा कमाया है. शहर में ऑटोमोबाइल सेक्टर (Automobile Sector) ने पिछले साल के धनतेरस की तुलना में शनिवार और रविवार को लगभग दोगुना कारोबार दर्ज किया. यूपी आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इस साल बाजार में चार पहिया और दोपहिया वाहनों की बिक्री में काफी वृद्धि दर्ज की गई है.


170 करोड़ का रहा कारोबार


संजय गुप्ता ने बताया कि पिछले साल धनतेरस पर 59 करोड़ रुपये के लगभग 800 चार पहिया और 300 दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई थी. इस साल बाजार में कारोबार में भारी उछाल दर्ज किया गया. पिछले दो दिनों में 170 करोड़ रुपये के लगभग 1500 चौपहिया और 500 दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई. एक ऑटोमोबाइल शोरूम के सेल्समैन सोमेश ने कहा कि एंट्री लेवल की कारों की चमक कम होती जा रही है और लोगों का लक्ष्य ऊंचा हो रहा है. यहां तक कि दोपहिया सेगमेंट में भी लोगों ने महंगी बाइकों को चुना है.


दो साल की सुस्ती के बाद दिखी तेजी


स्मार्टफोन की बिक्री में भी दो साल की सुस्ती के बाद तेजी देखी गई, हालांकि यह आंकड़ा महामारी से पहले की अवधि की तुलना में बहुत कम था. पिछले साल के 6 करोड़ रुपये की तुलना में मोबाइल फोन की बिक्री में भारी उछाल देखा गया. लखनऊ ट्रेडर्स एसोसिएशन (एलटीए) के अनुसार, पिछले दो दिनों (शनिवार और रविवार) में 17 करोड़ रुपये के स्मार्टफोन बेचे गए. व्यापारियों का कहना है कि इसका कारण ग्राहकों को ऑफलाइन स्मार्टफोन खरीदने के लिए लुभाने वाले ऑफर हैं.


इन ऑफर्स से खिंचे चले आए ग्राहक


इन ऑफर्स में जीरो इंटरेस्ट, ई-कॉमर्स जैसे कुछ फोन की तुलनीय कीमत, ग्राहकों को मुफ्त उपहार और लकी ड्रॉ कूपन शामिल थे. यूपी मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष और एलटीए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज जौहर ने कहा कि हमने ग्राहकों को आकर्षित करने और ई-कॉमर्स साइटों को कड़ी टक्कर देने के लिए कई सौदों और योजनाओं की पेशकश की थी, जो एक बड़ी सफलता साबित हुई. धनतेरस, इलेक्ट्रॉनिक सामान बाजार में उत्साह लाने में विफल रहा क्योंकि बिक्री वास्तव में पिछले साल की तुलना में कम हो गई थी.


लखनऊ के इलेक्ट्रॉनिक व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने कहा कि एलईडी टीवी, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और माइक्रोवेव की बिक्री पिछले साल के 27 करोड़ रुपये की तुलना में 20 करोड़ रुपये कम हुई. उन्होंने कहा कि यह मुख्य रूप से ई-कॉमर्स साइटों के कारण था, जो भारी छूट की पेशकश कर रहे थे. कई डीलरों ने कहा कि यह ऑफलाइन विक्रेताओं को समान अवसर नहीं दे रहा है.


सोना ठप, चांदी की बिक्री में आई तेजी


राज्य की राजधानी में भी धनतेरस में सोने का कारोबार भी लगातार ठप रहा, लेकिन चांदी की बिक्री में लगातार तेजी देखने को मिली. चौक सर्राफा मार्केट के उपाध्यक्ष आदेश कुमार जैन ने बताया कि इस साल रविवार रात 10 बजे तक 21.7 करोड़ रुपये के करीब 41 किलो सोने और सोने के जेवर बिके. उन्होंने कहा कि इसकी तुलना में करीब 600 किलोग्राम चांदी के उत्पाद 4.3 करोड़ रुपये में बिके.


उन्होंने कहा कि आधी रात तक आंकड़े 3-5 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है. एक स्थानीय ज्वैलरी ब्रांड की मालिक आयुषी रस्तोगी ने कहा कि ग्राहक चांदी को प्राथमिकता दे रहे हैं क्योंकि इन दिनों कई सोशल मीडिया प्रभावित लोग चांदी के आभूषणों को बढ़ावा दे रहे हैं. व्यापारियों का यह भी मानना था कि जो लोग सोना नहीं खरीद सकते, वे चांदी खरीदते हैं.


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