Uttar Pradesh News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ (Lucknow) पीठ ने समाजवादी पार्टी (सपा) के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य (SP leader Swami Prasad Maurya) की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने अदालत से वाई या जेड श्रेणी की सुरक्षा देने संबंधी राज्य सरकार (UP Government) को निर्देश देने का अनुरोध किया था . हालांकि अदालत ने उन्हें यह छूट दी है कि उनकी सुरक्षा के आकलन संबंधी आयुक्तालय स्तर की सुरक्षा समिति के आदेश को वह सक्षम मंच के समक्ष चुनौती दे सकते हैं, जिसके आधार पर उनकी सुरक्षा कम की गयी थी.


याचिकाकर्ता की क्या थी दलील
यह आदेश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने स्वामी प्रसाद मौर्य की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया है. याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि राज्य सरकार ने उचित कारणों के बिना उसकी सुरक्षा कम कर दी, जबकि उसकी जान को अब भी गंभीर खतरा है. उन्होंने पीठ से राज्य को निर्देश देने का अनुरोध किया कि वह उन्हें वाई या जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करे.


रामचरितमानस पर की थी विवादित टिप्पणी
बता दें कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी की थी. इसके बाद उनकी काफी आलोचना हुई थी. उन्होंने वाई या जेड श्रेणी की सुरक्षा की मांग की थी. उनके वकील ने कहा था कि एमएलसी होने की वजह से उन्हें सिर्फ दो गनर मिले हैं. उन्होंने उनपर खतरा बताया था और कहा था कि यह सुरक्षा पर्याप्त नहीं है. 


चुनाव की तैयारियों में जुटीं पार्टियां
अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सत्ताधारी दल समेत सपा भी अपनी तैयारियों में जुट गई है. पार्टी स्वामी प्रसाद मौर्य की मदद से दलितों को अपने पक्ष में करने की कोशिश में है. मौर्य और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की नजदीकियां बढ़ती जा रही हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य इसके पहले बीजेपी में थे. बीजेपी से सपा में आने के बाद वे लगातार पार्टी को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं. 


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