लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बड़ा हादसा हुआ है. ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफिलिंग के दौरान सिलेंडर फटने से तीन लोगों की मौत हो गई है. इस घटना में छह लोग घायल भी हो गए हैं. मौके पर पहुंची पुलिस ने राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया है. हादसा चिनहट के केटी ऑक्सीजन प्लांट में हुआ है.
जानकारी के मुताबिक चिनहट स्थित केटी वेल्डिंग स्टोर ऑक्सीजन प्लांट में दोपहर करीब 3 बजे जम्बो सिलेंडर में रिफिलिंग करते वक्त भीषण धमाका हो गया. धमाके में प्लांट में मौजूद 3 व्यक्तियों की मौत हो गई जबकि छह अन्य लोग बुरी तरह से घायल हुए हैं. सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर और जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश समेत अन्य अफसरों ने प्लांट पहुंचकर मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
धमाका इतना भीषण था कि प्लांट की छत उड़ गई
धमाका इतना भीषण था कि प्लांट की छत उड़ गई. मरने वाले और घायल व्यक्ति कौन हैं इस बारे में भी जानकारी नहीं मिल सकी है. डीएम का कहना है कि सभी मृतक और घायल प्लांट में काम करने वाले कर्मचारी ही हैं जबकि पुलिस कुछ बाहर के लोगों के भी मरने और घायल होने की आशंका जता रही है. फिलहाल फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड प्लांट पहुंचकर धमाके की छानबीन में जुट गया है.
इससे पहले पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के कानपुर के पनकी ऑक्सीजन प्लांट में रिफिलिंग के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से एक श्रमिक की मौत हो गई थी और 2 लोग घायल हो गए थे. दादा नगर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित पनकी गैस प्लांट में किदवई नगर के एक अस्पताल का कोई व्यक्ति गैस भरने कोई आया था. उसका एक सिलेंडर संभवत: कमजोर था जिसमें विस्फोट हुआ. इसमें यहां के एक कर्मचारी की मौके पर मौत हो गई थी.
अटल बिहारी वाजपेयी कोविड अस्पताल रोगियों के लिये खोला गया
वहीं दूसरी तरफ लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में 450 बिस्तरों से अधिक के अटल बिहारी वाजपेयी कोविड अस्पताल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बुधवार को रोगियों के लिये खोल दिया. सरकारी बयान में कहा गया है कि रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह के निर्देश पर डीआरडीओ ने 450 बिस्तरों से अधिक के कोविड अस्पताल को अवध शिल्पग्राम में रिकॉर्ड समय में स्थापित किया है.
इसमें कहा गया है कि अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा और मरीजों को मुफ्त में भोजन भी उपलब्ध कराया जाएगा. बयान के अनुसार राज्य सरकार की मदद से डीआरडीओ ने ऑक्सीजन और चिकित्सा आपूर्ति की व्यवस्था की है, जो नि: शुल्क दी जाएगी. अस्पताल का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया. बयान के अनुसार डीआरडीओ और राज्य सरकार ने अस्पताल की सुविधाओं के त्वरित संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और सभी प्रमुख पहलुओं को संभाल रहे हैं.
बयान के मुताबिक अस्पताल सशस्त्र बलों की एक टीम द्वारा चलाया जा रहा है जिसमें नर्सों और अर्द्धसैनिक कर्मचारियों के साथ कई विशिष्टताओं के डॉक्टर शामिल हैं. मेडिकल स्टाफ को देश भर से लाया गया है. अस्पताल में प्रवेश को उत्तर प्रदेश राज्य प्राधिकरणों द्वारा स्थापित लखनऊ में इंटीग्रेटेड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से नियंत्रित किया जाएगा और अस्पताल में सीधे तौर पर मरीजों की भर्ती नहीं होगी.
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