Lucknow News: राजधानी लखनऊ के कृष्णा नगर के आजाद नगर में एक बुजुर्ग महिला के मकान पर कब्जा पुलिसकर्मियों के सामने होने की बात निकल के सामने आई. इस दौरान पुलिसकर्मी वहां मौजूद रहे और कार्रवाई करने की बजाय सिर्फ देखते रहे. वहीं जब पीड़िता थाने में अपनी शिकायत लेकर गई तब भी पीड़िता को सिर्फ टरकाने का काम किया और जब इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से हुई और उन्होंने मामले की जांच कराई तो इस मामले में पुलिसकर्मियों की लापरवाही उजागर हुई. 


इसके बाद चौकी प्रभारी आजाद नगर सुनील मौर्या, हेड कांस्टेबल कप्तान सिंह और सिपाही मनमोहन सिंह को निलंबित कर दिया गया है. वहीं जिन लोगों ने मकान पर कब्जा किया उन पर भी केस दर्ज किया गया है. लखनऊ के कृष्णा नगर आजादनगर के मोहारी बाग कासिमपुर पकरी में सुनीता देवी अपने पति और बच्चों के साथ रहती हैं. जानकारी के मुताबिक, उन्होंने 8 लाख में विजयलक्ष्मी से उनके मकान के एग्रीमेंट कराया था और वह इसी मकान में रह रही थी. 


क्या है मामला
साल 2020 में विजयलक्ष्मी का देहांत हो गया, इसके बाद से उस मकान पर फौजी कॉलोनी आजाद नगर के रहने वाले संदीप यादव कब्जा करना चाहता था. इसी दौरान 3 नवंबर को सुबह संदीप अपने 10-12 साथियों के साथ उनके घर पर पहुंचा, इस दौरान सुनीता के पति घर पर नहीं थे. संदीप और उसके साथियों ने घर में काफी तोड़फोड़ की और सुनीता की भी काफी पिटाई की. उन्हें घर के बाहर निकाल कर घर में ताला लगा दिया. इस दौरान आरोप है कि स्थानीय पुलिस वहां मौजूद थी पर मदद की गुहार लगाने पर उसने कोई कार्रवाई नहीं की.


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इसके बाद पीड़िता ने आजाद नगर चौकी के पुलिसकर्मियों पर मकान कब्जा ने का आरोप लगाते हुए, डीसीपी दक्षिण केशव कुमार से शिकायत की थी. इस मामले में डीसीपी ने जांच कराई तो पुलिसकर्मियों की लापरवाही उजागर हुई. इस दौरान पुलिसकर्मियों में उच्च अधिकारियों को भी गुमराह किया. 


मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी ने चौकी प्रभारी आजाद नगर सुनील मौर्या और हेड कांस्टेबल कप्तान सिंह और कांस्टेबल मनमोहन को निलंबित कर दिया है. वहीं मकान कब्जा करने के आरोपी संदीप और उसके साथियों के खिलाफ मारपीट, तोड़फोड़, उपद्रव और एससी एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है गया है.