Lucknow News: IPS मंजिल सैनी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, CBI ने श्रवण साहू हत्याकांड में माना लापरवाही का दोषी
Shravan Sahu Murder Case: साल 2017 में हुए श्रवण साहू हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई ने लखनऊ की तत्कालीन एसएसपी रहीं मंजिल सैनी को काम में लापरवाही करने का दोषी माना है.
Lucknow News: उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के पद पर रहीं मंजिल सैनी (Manzil Saini) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल 2017 में हुए श्रवण साहू हत्याकांड (Shravan Sahu Murder Case) की जांच कर रही सीबीआई (CBI) ने मंजिल सैनी को काम में लापरवाही का दोषी माना है. सीबीआई ने राज्य सरकार से सैनी के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है.
वर्तमान में पर राष्ट्रीय मानवाधिकारी आयोग में डीआईजी हैं मंजिल सैनी
बता दें कि मंजिल सैनी 2005 बैच की आईपीएस अधिकारी है. उन्होंने 18 मई 2016 से 27 अप्रैल 2017 तक लखनऊ के एसएसपी के पद की जिम्मेदारी संभाली थी. फिलहाल सैनी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर राष्ट्रीय मानवाधिकारी आयोग में डीआईजी का पद संभाल रही है.
क्या है मामला
गौरतलब है कि 1 फरवरी 2017 को लखनऊ के सआदतगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले तेल कारोबारी श्रवण साहू (62 वर्ष) की हत्या उनके घर के सामने गोली मारकर कर दी गई थी. श्रवण अपने बेटे के हत्यारों के खिलाफ कोर्ट में लड़ रहे थे. बता दें कि श्रवण के बेटे आयुष साहू की भी 2016 में हत्या कर दी गई थी. इस मामले में श्रवण इकलौते गवाह थे. वहीं पुलिस की भूमिका भी इस केस में संदिग्ध पाई गई थी.
श्रवण को लगातार धमकियां दी जा रही थीं और उन्होंने सुरक्षा की मांग करते हे लखनऊ की तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी से गुहार भी लगाई थी, लेकिन उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई. बाद में श्रवण की बदमाशों ने उनके घर के सामन ही गोली मारकर हत्य़ा कर दी थी. वहीं राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.
मंजिल सैनी ने माना था पुलिस से हुई थी चूक
गौरतलब है कि लखनऊ की तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी ने श्रवण साहू की हत्या के बाद दुख जाहिर करते हुए इसे पुलिस की गंभीर चूक माना था. उन्होंने उस समय कहा था कि जिसके लिए अपने विभाग को छलनी कर दिया उसी को सुरक्षित नहीं कर पाए. उन्होंने कहा था कि आरआईए थाना और एलआईयू में से किसी ने नहीं बताया था कि श्रवण को गनर नहीं मिला है. सैनी ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा था कि उन्हें इस बात का मलाल है कि वे खुद श्रवण से बात नहीं कर सकी थीं.
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