Lucknow News: मिलिट्री इंटेलिजेंस और उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के संयुक्त अभियान में भारतीय सेना (Indian Army) में नौकरी के नाम पर मासूम युवाओं को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. एसटीएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि गिरोह के सदस्यों में से एक सेवारत सैनिक और अन्य पूर्व सैनिक शामिल हैं, जो पैसों की ठगी और हेराफेरी करने के लिए खुद को लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में पेश करता था.


फिरोजाबाद का राम बरन सिंह उर्फ राहुल (वर्तमान में भारतीय सेना में सिपाही के रूप में नागालैंड में तैनात हैं), गाजीपुर जिले का अमित कुमार सिंह (पूर्व सैनिक), उन्नाव के शुभम पटेल उर्फ कुणाल (फर्जी भारतीय सेना कमांडो) और इटावा जिले के जसवंत नगर के दिनेश कुमार यादव को पीजीआई क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है. प्रवक्ता ने कहा, गिरफ्तार किए गए गिरोह से विभिन्न एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं, ताकि उनके काम करने के तौर-तरीकों और संचालन की सीमा का पता लगाया जा सके.


पहले भी पकड़ा जा चुका है ठग
इससे पहले बुलंदशहर जिले के डिबाई क्षेत्र में पुलिस ने खुद को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का डिप्टी कमांडेंट बताने और नौकरी लगवाने के नाम पर एक युवक से पैसे ठगने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. डिबाई के पुलिस क्षेत्राधिकारी भास्कर कुमार मिश्रा ने बताया कि खुद को केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का डिप्टी कमांडेंट बताने और एक युवक से पैसे ठगने के आरोप में भूपेंद्र सिंह को डिबाई पुलिस ने गिरफ्तार किया.


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पुलिस क्षेत्राधिकारी ने आगे बताया कि सिंह सीआरपीएफ का बर्खास्त सिपाही है. उसे साल 2019 में बर्खास्त किया गया था. उसने अपने साथियों के साथ डिबाई क्षेत्र के एक बेरोजगार से सेना में नौकरी लगवाने के नाम पर पांच लाख रुपये लिए थे और युवक के पैसे वापस मांगने पर उसे जान से मारने की धमकी दी थी.