Lucknow four newborns died:राजधानी में हजरतगंज (Hazratganj) के प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय बाल गृह (Children's Home)के दत्तक ग्रहण केंद्र में बीते पांच दिनों में चार नवजात बच्चियों की मौत ने प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है. मरने वाली बच्चियों की उम्र 10 से 20 दिन के बीच की बताई जा रही है. इसकी खबर पाकर डीपीओ विकास सिंह (Vikash singh) ने बालग्रह का निरीक्षण किया. उन्होंने मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिये हैं. डीपीओ ने अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तत्काल रिपोर्ट मांगी है.
बाल अधिकार आयोग की सदस्य ने लगाई फटकार
इधर, राज्य बाल अधिकार आयोग की सदस्य अनीता अग्रवाल ने भी बाल गृह पहुंच कर अधीक्षक को फटकार लगाई. उन्होंने बच्चियों की मौत के बारे में सूचना न देने पर जवाब तलब किया है. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रवींद्र जादौन ने भी बाल के गृह के अधिकारियों से इस मामले में जवाब मांगा है.
मामला दबाकर बैठे रहे अधीक्षक
बच्चियों की एक के बाद एक मौत से राजकीय बाल गृह की व्यवस्थाओं की भी पोल खुल गई है. बाल गृह में बच्ची की पहली मौत 10 फरवरी को हुई थी. राजधानी में लावारिस हालत में मिली 10 दिन की इस बच्ची का नाम अंतरा रखा गया था. इस बच्ची को बीते दिसंबर में बाल गृह लाया गया था. बच्ची काफी बीमार थी और 20 दिन से अस्पताल में भर्ती थी. डिस्चार्ज होकर वह बालग्रह वापस आई तो फिर से तबीयत बिगड़ गई और उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया. इसी तरह 11 फरवरी को 15 दिन की एक और बच्ची लक्ष्मी की भी अस्पताल में मौत हो गई. 16 दिन की आयुषी ने भी 12 फरवरी को अस्पताल में दम तोड़ दिया, जबकि मंगलवार 13 फरवरी को 20 दिन की दीपा की अस्पताल में मौत हो गई. बीमारी और लापरवाही से बच्चियां लगातार दम तोड़ती रहीं, लेकिन बाल गृह के अधिकारियों ने इसकी सूचना न ही डीपीओ को दी और न बाल कल्याण समिति या राज्य बाल अधिकार आयोग को. बाल गृह के अधीक्षक और स्टाफ सारा मामला दबाए बैठे रहे.
ठंड और निमोनिया से हुई बच्चियों की मौत
अधिकारियों को जब मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने बाल गृह का निरीक्षण किया. इसके साथ ही सिविल अस्पताल जाकर भी छानबीन की. वहां जाकर पता चला कि डेढ़ महीने की एक और नवजात मून का भी अस्पताल में उपचार चल रहा है. सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि बच्चियों को ठंड लगी थी और उन्हें निमोनिया हो गया था. बाल गृह में बच्चियों की ठीक से देखभाल न होने का भी खुलासा हुआ. अब डीपीओ विकास सिंह ने बच्चियों की मौत के मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं. इसमें बाल गृह के अधीक्षक और स्टाफ की तमाम लापरवाहियों का खुलासा होना तय माना जा रहा है.
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