Chhath Puja 2022: गोमती घाट पर छठ पूजा में शामिल हुए सीएम योगी, अर्घ्य के बाद लोगों से की ये खास अपील
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लोगों से अपील की कि सोमवार को दूसरी अर्घ्य के बाद भी घाटों पर साफ-सफाई की व्यवस्था की जाए ताकि हमारे पर्व-त्योहार पर कोई आंच न आए.
UP News: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने लखनऊ में रविवार को छठ पूजा (Chhath Puja) समारोह में हिस्सा लिया. सीएम योगी ने इस दौरान कहा कि पर्व त्योहार का महत्व ही 'सामूहिकता का दर्शन' है औऱ आस्था व्यक्तिगत विषय नहीं होती है. उन्होंने कहा कि हम सभी एकजुट होकर प्रकृति के प्रति समर्पित भाव से काम कर रहे हैं.
अंतःकरण शुद्धि के बिना अर्घ्य संभव नहीं - सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा, 'पर्व और त्योहार का महत्व ही सामूहिकता का दर्शन है, हम सब मिलकर प्रकृति के प्रति, स्वच्छता के प्रति और लोक आस्था के प्रति इस समर्पित भाव के साथ काम कर रहे हैं, उसका एक आदर्श उदाहरण छठ जैसे पर्व होते हैं. यह कार्यक्रम चार चरणों में होता है. इसमें अंतः करण और बाह्य शुद्धि पर ध्यान दिया जाता है. जल से दिया जाने वाला अर्घ्य बिना शुद्धि के संभव नहीं हो सकता है.' सीएम योगी ने आगे कहा, 'आस्था व्यक्तिगत विषय नहीं होती. यह पूरे लोक को साथ में लेकर चलने वाला पर्व है. प्रकृति के देवता सूर्य की पूजा की जाती है. बिना सूर्य के दुनिया की कल्पना नहीं की जा सकती. उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर हम जल अर्घ्य करते हैं. यह तब संभव है जब हमारा अंत: करण शुद्ध हो'.
पूजा के समापन के बाद चलाया जाए स्वच्छता अभियान - सीएम योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने साथ ही साफ-सफाई पर भी जोर दिया. उन्होंने अपील की कि पूजा के समापन के बाद घाटों की एकबार फिर सफाई की जाए. उन्होंने कहा कि शासन और स्थानीय प्रशासन की तरफ से नदी की सफाई का काम किया गया है, जिसका परिणाम है कि आज गोमती नदी शुद्ध दिखाई दे रही है. उन्होंने कहा, 'आयोजन समिति ने स्वच्छता का कार्य़क्रम चलाया. मुझे अच्छा लगा कि स्वच्छता के कार्यक्रम में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, मेयर, और जनप्रतिनिधि भी भागीदार बने. प्रधानमंत्री के स्वच्छता के कार्यक्रम को लोक आस्था के कार्यक्रम के साथ जोड़ा गया.'
सीएम योगी ने श्रद्धालुओं से अपील की कि घाटों पर अस्थायी पिंडी बनाएं. उन्होंने कहा, 'घाटों पर जो लोग जगह-जगह पिंडी बना देते हैं. बाद में उसका उस तरह से सम्मान नहीं होता है जैसे होना चाहिए. इसलिए अस्थायी रूप से पिंडी बनाई जाए. कार्यक्रम संपन्न होने के साथ आयोजक और सभी मिलकर एक व्यवस्था के साथ स्वच्छता का कार्य़क्रम चलाएं ताकि हमारे पर्व-त्योहार पर कोई आंच न आए.
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