उत्तर प्रदेश में 23 नवंबर से खुलेंगे सभी विश्वविद्यालय, दिशा-निर्देश जारी, इन बातों का रखना होगा ध्यान
उत्तर प्रदेश में 23 नवंबर से विश्वविद्यालय खोले जाएंगे. इस संबंध में अपर मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों, उच्च शिक्षा निदेशक, प्रयागराज, सभी राज्य और निजी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को पत्र लिखकर आदेश जारी कर दिए हैं.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में करीब 8 महीनों से बंद विश्वविद्यालय और कॉलेजों को 23 नवंबर से फिर से खोला जाएगा. राज्य सरकार ने मंगलवार को विश्वविद्यालय और कॉलेज खोले जाने को लेकर दिशानिर्देश भी अधिसूचित कर दिए. जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि कक्षाओं में अधिकतम 50 प्रतिशत विद्यार्थी ही उपस्थित रहेंगे. कॉलेज स्टॉफ को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने का आदेश दिया गया है. निर्देश में छात्रों से अपील करते हुए कहा है कि सभी छात्रों को फेस कवर/मास्क पहनना चाहिए और सभी निवारक उपाय करना चाहिए. इस संबंध में अपर मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों, उच्च शिक्षा निदेशक, प्रयागराज, सभी राज्य और निजी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को पत्र लिखकर आदेश जारी कर दिए हैं.
कैंपस में छात्रों की भीड़ न लगे गौरतलब है कि, कोरोना वायरस महामारी के चलते मार्च माह से राज्य में विश्वविद्यालय और कॉलेज बंद हैं. उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका गर्ग ने सभी जिला मजिस्ट्रेट और विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को भेजे अपने आदेश में कहा है कि कक्षाएं चरणबद्ध तरीके से फिर से शुरू की जाएं. कक्षाएं इस तरह से लगें कि कैंपस में छात्रों की भीड़ न इकट्ठी हो.
इन बातों का रखना होगा ध्यान - मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा. - छात्रों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहना चाहिए. - कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चलाई जाएंगी क्लासेज. - हॉस्टल्स में एक कमरे में सिर्फ एक स्टूडेंट के रहने की अनुमति. - कंटेन्मेंट जोन में रहने वाले शिक्षक, कर्मचारी और स्टूडेंट को परिसर में आने की अनुमति नहीं. - छात्रों को ऐसी गतिविधियां विकसित करनी चाहिए जो प्रतिरक्षा बढ़ाने में उपयोगी हों. इनमें व्यायाम, योग, ताजे फल खाना, स्वस्थ्य भोजन और समय से सोना शामिल है. - छात्रों को कोविड- 19 महामारी के मद्देनजर स्वास्थ्य एवं सुरक्षा उपायों के संबंध में विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए. - बिना मास्क किसी को नहीं मिलेगा प्रवेश. - विजिटर्स को नहीं दिया जाएगा कैंपस में प्रवेश. - फिलहाल बायोमेट्रिक उपस्थिति पर रोक. - स्टूडेंट्स लैपटॉप, स्टेशनरी, नोटबुक शेयर नही करेंगे. - विभिन्न स्थानों से आ रहे स्टूडेंट्स को 14 दिन क्वारंटाइन में रखा जाएगा. - मेस में खाने के समय छोटे-छोटे बैच में स्टूडेंट्स को बुलाया जाएगा.
यूपी सरकार ने किया सराहनीय काम गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जो इंतजाम किए अब वैश्विक स्तर पर उसे सराहना मिल रही है. डब्ल्यूएचओ ने कोरोना के कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की तारीफ की है. साथ ही दूसरे राज्यों को भी उसी तरीके से कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग की सलाह भी दी है. प्रदेश में अब तक एक करोड़ 70 लाख से ज्यादा कोविड-19 के टेस्ट हो चुके हैं और यहां जो पॉजिटिविटी रेट है वो तकरीबन 1.4 फीसदी के आसपास ही बना हुआ है. वहीं, हाई रिस्क ग्रुप के लोगों के कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग पर सरकार का विशेष जोर है. जबकि, एक पेशेंट से जुड़े तकरीबन 15 से 25 लोगों की कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है.
जनवरी में उपलब्ध हो सकती है कोरोना वैक्सीन बता दें कि, हाल ही में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा था कि कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने जिस तरीके से टीमें गठित कीं और कोरोना कमांड सेंटर बनाए ये उसके बहतर नतीजे मिले हैं. सिंह ने ये भी कहा था कि मार्च से पहले जनवरी में भी कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है इसलिए सरकार का सारा फोकस अब कोल्ड चेन डिवेलप करने और लोगों को वैक्सीन देने के लिए मेडिकल स्टाफ को ट्रेंड करने पर है.
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