Sambhal Jama Masjid: यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल संभल हिंसा में पीड़ित परिवारों से मिलने जाने वाला था. लेकिन उससे पहले लखनऊ में कांग्रेसी नेताओं के आवास और लखनऊ में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय के बाहर भारी पुलिस तैनात कर अवरोधक लगा दिए गए. अजय राय ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि हमने दो दिसंबर को संभल जाने का निर्णय किया था, जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक 30 नवंबर तक हटाई जानी थी. अब उन्होंने अचानक यह रोक 10 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी है.


उन्होंने यह भी कहा कि सरकार स्पष्ट रूप से अपनी खामियां छिपाना चाहती है. मुझे नोटिस जारी किया है और कहा गया है कि मेरे दौरे से अव्यवस्था फैलेगी निश्चित रूप से हम भी अव्यवस्था नहीं बल्कि शांति चाहते हैं पुलिस और सरकार ने वहां जो अत्याचार और अन्याय किया है, मैं चाहता हूं कि मेरे नेतृत्व को यह पता चले उन्होंने (पुलिस ने) मुझे नोटिस दिया है लेकिन मैं वहां शांतिपूर्वक जाऊंगा.यदि हमें रोका गया तो हम गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे. क्योंकि हम महात्मा गांधी के अनुयायी हैं. बता दें कि अजय राय ने गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया. 


सपा नेताओं को भी नहीं मिली थी मंजूरी
शनिवार (30 नवंबर) को भी नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में सपा का 15 नेताओं का डेलीगेशन संभल हिंसा के पीड़ितों से मिलने जा रहा था लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक लिया था. इस पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी सरकार पर सवाल उठाए थे. संभल जाने से रोके जाने पर सपा नेता रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि हम शांति पूर्वक जा रहे थे. पुलिस ने हमें बल पूर्वक रोक दिया. सुबह दिल्ली से संभल जाने के लिए 3 नेताओं ने कूच किया था, जिसमें सपा सांसद हरेंद्र मलिक, सांसद जियाउर्रहमान बर्क और इकरा हसन थीं और यह अपने कार्यकर्ताओं के साथ संभल जाने की कोशिश में थे. 


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