लखनऊ: मलिन बस्तियों में रहने वालों के सामने कोरोना वायरस दम तोड़ता नजर आ रहा है. कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं. लोगों से मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की जा रही है. इसी बीच कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने टार्गेटेड सैंपलिंग शुरू की. अब जब इन सैंपल की रिपोर्ट सामने आयी तो उसने सभी को हैरान कर दिया है. वजह ये है कि जिन मलिन बस्तियों में न तो मास्क है और न सोशल डिस्टेंसिंग वहां 11,622 लोगों के सैंपल लिए गए और किसी में कोरोना नहीं निकला. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि संसाधन विहीन इन गरीबों की इम्युनिटी का जवाब नहीं.


कोविड वायरस नहीं मिला
स्वास्थ्य विभाग ने 19 नवंबर से टार्गेटेड सैंपलिंग शुरू की है. इसमें 19 से 21 नवंबर तक अर्बन स्लम्स में जाकर कोविड के सैंपल लिए गए. इस दौरान कुल 11,622 लोगों का कोविड टेस्ट किया गया. इनमें 6850 एंटीजेन और 4,772 लोगों का RTPCR टेस्ट हुआ. यानी कुल मिलाकर इन मलिन बस्तियों से 11,622 सैंपल लिए गए. हैरानी की बात ये है कि इनमें से किसी के सैंपल में कोविड वायरस नहीं मिला.


नतीजे देखकर हैरत हुई
लखनऊ के एडिशनल सीएमओ और कांटेक्ट ट्रेसिंग टीम के प्रभारी डॉ एमके सिंह कहते हैं की उन लोग को भी ये नतीजे देखकर हैरत हुई. हालांकि, इसकी सबसे बड़ी वजह फिलहाल यही समझ आती है की इन बस्तियों में रहने वालों की इम्युनिटी इतनी स्ट्रॉन्ग है कि कोरोना वायरस इन पर अटैक नहीं कर पाया या सभव है कि कुछ में कोरोना अटैक हुआ हो लेकिन इनकी इम्युनिटी अच्छी होने की वजह से ज्यादा असर नहीं डाल पाया और किसी को पता भी नहीं चला.


कोरोना दम तोड़ रहा है
बहरहाल इन नतीजों से इतना तो साफ है कि एसी कमरों में बैठने वाले और पॉश कॉलोनियों के लोगों की इम्युनिटी इन मलिन बस्तियों में रहने वालों के मुकाबले कुछ भी नहीं. इन मलिन बस्तियों में रहने वाले मेहनतकश लोगों आगे कोरोना भी दम तोड़ रहा है. एबीपी गंगा की टीम भी इन बस्तियों में पहुंची और उन लोगों से बात भी की जिनके सैंपल में कोरोना नहीं मिला.



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