Lucknow News Today: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी राज कुमार सिंह और संदीप दोहरे के खिलाफ लखनऊ के साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज किया गया है.


इस संबंध में अशोक सोलंकी नाम के एक डॉक्टर ने शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायकर्ता ने बताया था कि दोनों आरोपियों ने सीबीआई, नारकोटिक्स और क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर उसे दो दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा और इस दौरान पीड़ित से 48 लाख रुपये की ठगी की वारदात को अंजाम दिया.


कैसे करते थे ठगी?
इस शिकायत बाद एसटीएफ ने साइबर क्राइम टीम की मदद से गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने के लिए हरियाणा के गुरुग्राम में छापेमारी की. इससे पहले इस मामले में एसटीएफ पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. अब दो और आरोपी लखनऊ के विभूतिखंड क्षेत्र से गिरफ्तार हुए हैं.


पुलिस पूछताछ में साइबर ठग राज कुमार सिंह ने खुलासा किया कि गिरोह का मुख्य सदस्य पंकज फ्रॉड की ट्रेनिंग के लिए कम्बोडिया गया था. वहां से लौटने के बाद गिरोह ने बड़ी संख्या में बैंक खातों का इस्तेमाल कर ठगी शुरू की. 


आरोपी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर एक ऐप और सॉफ्टवेयर के जरिए फर्जीवाड़ा करते थे. ठगी की रकम का 70 फीसदी हिस्सा क्रिप्टोकरेंसी के जरिए चाइनीज वॉलेट में भेजा जाता था.


इन वारदात को दे चुके हैं अंजाम
इस गिरोह ने अगस्त 2024 में नोएडा में 8 करोड़ की ठगी की वारदात को अंजाम दे चुका है. जिसमें से 30 फीसदी कमीशन लिया गया. इसके साइबर ठगों ने दीपावली से पहले केवीबी बैंक खाते से 36 लाख की ठगी की, जिसमें आरोपी को 7 लाख रुपये मिले थे.


इसी तरह दीपावली के बाद आरोपियों ने केनरा बैंक खाते से 2.5 करोड़ रुपये की ठगी की. गिरफ्तार आरोपियों से 2 मोबाइल फोन और ठगी में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों की जानकारी वाले 41 व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट बरामद हुए हैं. आरोपी में से एक ने राजस्थान के भिवाड़ी में 31 लाख रुपये का फ्लैट बुक कराया.


साइबर ठगों का ये गिरोह की बड़ी वारदात को अंजाम देने के फिराक में था. इसके तहत कम्बोडिया में सिक्योरिटी के तौर पर एक व्यक्ति भेजने की योजना थी, जिससे वहां से कॉलिंग कर और ठगी की जा सके.


जांच में बड़े खुलासे की उम्मीद
एसटीएफ अन्य बैंक खातों, वॉलेट और गिरोह के सदस्यों की जानकारी जुटा रही है. एसटीएफ बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का फॉरेंसिक जांच करायेगी. गिरफ्तार आरोपियों को साइबर क्राइम थाने में पंजीकृत मामले के तहत न्यायालय में पेश कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी. 


एसटीएफ को गिरोह के सदस्यों से और भी बड़े खुलासे की उम्मीद है. गिरफ्तार आरोपियों को मुअसं 142/2024 धारा 319(2), 318(2), 338, 336, 340, 61(2) ए  BNS व 66 डी आईटी एक्ट के तहत साइबर क्राइम थाना लखनऊ मुकदमा दर्ज किया गया. जांच टीम आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है. 


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