Lucknow: देश के रक्षामंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट 104 किलोमीटर लंबे रिंग रोड के अधूरे काम को लेकर नाराज़गी जताई है. राजनाथ सिंह शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे. यहाँ उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. निराला नगर स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम नमस्ते लखनऊ विथ राजनाथ सिंह में रक्षा मंत्री ने प्रबुद्धजनों से संवाद किया. इस मौके पर एक संस्था से जुड़े अनिल सिंह ने सपा सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर यानी JPNIC के काम को पूरा कराने की मांग रखी. अनिल सिंह ने कहा की कुछ पैसा और लगाकर उसे पूरा किया जा सकता है.
जल्द काम पूरा करने का दिया निर्देश
इस मौके पर राजनाथ सिंह ने लखनऊ में बन रहे आठ लेन के 104 किलोमीटर लंबे रिंग रोड का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा की ये हमारा पहला ड्रीम प्रोजेक्ट था. लखनऊ संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का काम अब तक वो पूरा हो जाना चाहिए था. जो कि अभी नहीं हुआ है. नाराज़गी जताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि इसके लिए उन्हें अपनी तरफ से जो कुछ भी कहना चाहिए वो उन शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहते. लेकिन मैंने सख्त आदेश देते हुए जल्द काम पूरा करने के लिए कहा है.
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ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर जताई चिंता
राजनाथ सिंह ने कहा की उन्हें बताया गया एक-दो ऐसे कांट्रेक्टर थे जो उतना पैसा नहीं लगा पाए जितना लगाना चाहिए था. इसलिए उनके हिस्से के काम की प्रगति कम रही. उन्होंने इस बारे में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से चर्चा की और उन्होंने बैठक भी की है. रक्षामंत्री ने कहा की वो इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर सर्वाधिक चिंतित रहते हैं. लगभग 65 किलोमीटर सड़क बन गयी, बाकी बन रही है.
काम नहीं करने पर नहीं मिलती दोबारा बहुमत
राजनाथ सिंह ने कहा लखनऊ में छह फ्लाई ओवर बन चुके हैं और पांच की स्वीकृत मिल चुकी हैं. गोमतीनगर को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन की घोषणा बजट में करवाई थी और उसका काम चल रहा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश की जनता संतुष्ट न होती तो दोबारा इतनी मेजोरिटी से नहीं लाती. केंद्र में सरकार आने के बाद से विश्व स्तर पर विश्वसनीयता और साख बढ़ी है. आज भारत कुछ बोलता तो अमेरिका भी गंभीरता से बात सुनता है. पीएम मोदी के नेतृत्व में स्ट्रोंग लीडरशिप देश को मिली है. डिफेन्स कैपबिलिटी और इकॉनमी के आधार पर देश की गड़ना होती है. अगर कोरोना और यूक्रेन रशिया वॉर न होती तो हमारी इकॉनमी 3.25 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो जाती. आज कल देश में महंगाई की बात होती लेकिन ये परिस्थिति अन्य देशों के सामने भी है. अमेरिका में इस समय जितनी महंगाई है उतनी 40 सालों में नहीं रही. चीन भी समस्या का सामना कर रहा है. भारत परिणाम की चिंता न करके स्वाभिमान से समझौता नहीं करेगा.
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