Lucknow News: एलडीए में बड़ा फर्जीवाड़ा, जाली दस्तावेजों के सहारे 30 से अधिक प्लॉट की रजिस्ट्री
Lucknow Development Authority: एलडीए वीसी ने बताया, कुछ मामले शिकायतों से तो कुछ लैंड ऑडिट से सामने आए. गलत तरीके से नाम चढ़ाया गया. अलॉटमेंट जारी नहीं हुआ और सीधे रजिस्ट्री कर दी गई.
Uttar Pradesh News: यूपी में लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां जाली दस्तावेज के सहारे 30 से अधिक भूखंडों की रजिस्ट्री फर्जी तरीके से करा दी गई. इसमें 22 मामले गोमती नगर के हैं. इन 22 में 16 मामलों में फर्जीवाड़े से जुड़े दस्तावेज मिल चुके हैं, जबकि 6 मामलों में तलाशे जा रहे हैं. इसी तरह ट्रांसपोर्ट नगर में भी 7 से 8 ऐसे मामले सामने आए हैं. इनकी जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है
एलडीए वीसी ने क्या कहा
एलडीए के वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया, ये पहले के मामले हैं जो बाद में सामने आए. कुछ शिकायतें हुईं तो कुछ मामलों का एलडीए ने लैंड ऑडिट कराया तो सामने आए. कंप्यूटर में गलत तरीके से कुछ लोगों का नाम चढ़ाया गया. अलॉटमेंट जारी नहीं हुआ और सीधे रजिस्ट्री कर दी गई. इतना ही नहीं एक ही भूखण्ड को 2 से 3 बार बेच दिया गया. पहले 22 मामले पकड़े थे इसमें 16 क्लियर हो गए. एफआईआर दर्ज कराई जा रही है. इनसे जमीन वापस ली जाएगी और उसे फिर से नीलामी में लगाएंगे.
त्रिपाठी ने आगे बताया कि, ऐसे ही कुछ और जगह सूचना मिली. ट्रांसपोर्ट नगर में सात-आठ मामले सामने आए हैं. इसके लिए टीम गठित की गई है और जांच हो रही है. जो भी संबंधित लिपिक या ऑपरेटर हैं उनके खिलाफ भी एफआईआर और अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी और जिन लोगों ने उनके साथ मिलकर ऐसा किया है उनके खिलाफ भी एफआईआर और अन्य कार्रवाई होगी.
यह कोई नई बात नहीं
एलडीए के सूत्रों की मानें तो पहले जो 22 भूखंड बेचने में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया उनकी कीमत करीब 30 करोड़ रुपये है. वहीं जो 7 से 8 और नए मामले सामने आए हैं यह भूखंड भी करोड़ों की कीमत के हैं. एलडीए में इस तरह के फर्जीवाड़ा सामने आना कोई नई बात नहीं है. पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं.
एलडीए में चर्चा तो इस बात की भी है कि ये सारा काम करने वाले गिरोह अब तक एलडीए को 200 करोड़ की चपत लगा चुके हैं. इनमें लगभग 150 करोड़ की कीमत के 120 भूखंडों की जांच चल रही है. इसी साल जून में भी 13 भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री का मामला सामने आया था. इनमें भी अधिकतर भूखंड गोमतीनगर के ही हैं. इन 13 भूखंडों की अनुमानित कीमत करीब 20 करोड़ रुपये है.