UP News: उन्नाव में अंतरिक्ष के रहस्य जानेंगे बच्चे, इस गांव में बनी लखनऊ मंडल की पहली स्पेस लेबोरेटरी
Unnao News: उन्नाव में बिछिया ब्लाक का उच्च प्राथमिक विद्यालय दुआ केंद्र सरकार की क्षमता निर्माण कार्यक्रम में चयनित हुआ है. यह पहला विद्यालय है, जहां पर अंतरिक्ष प्रयोगशाला का निर्माण हुआ है.
Unnao Space Science Laboratory: उत्तर प्रदेश (UP) के उन्नाव जिले के बच्चों को अब अंतरिक्ष विज्ञान के रहस्य जानने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्षेत्रीय युवाओं को विज्ञान संबंधी जानकारी के लिए अब बाहर जाने की जरूरत नहीं, इसका सीधा सुविधा प्रमाण इसरो (ISRO) से संबंधित संस्था व्योमिका स्पेश प्राइवेट लिमिटेड की मदद से आठ महीने की कठिन परिश्रम से 8 लाख की लागत से तैयार दुवा गांव में बच्चों के लिए शहीद चंद्रशेखर आजाद अंतरिक्ष विज्ञान प्रयोगशाला जो कि गांव उच्च प्राथमिक विद्यालय परिसर स्थित है, इसका शुभारंभ शनिवार दोपहर बाद सेवानिवृत्त वैज्ञानिक गोविंद यादव (Govind Yadav) ने फीता काटकर की.
इस कार्यक्रम में उपस्थित स्कूली छात्र-छात्राओं को प्रयोगशाला में रखी अंतरिक्ष संबंधी सभी विज्ञान प्रयोगी वस्तुओं के बारे में बारीकी से जानकारी दी. इस प्रयोगशाला में चंद्रयान के मॉडल, चलायमान रोबोट, टेलीस्कोप, एयरक्राफ्ट, थ्रीडी प्रिंटर आदि की व्यवस्था उपलब्ध है. बड़ा या टेली स्कोप भी जिसमें बच्चे अंतरिक्ष की गतिविधियों के बारे में भी जानकारी हासिल करने के साथ देख भी सकेंगे. बिछिया ब्लाक की ग्राम पंचायत दुआ के उच्च प्राथमिक विद्यालय में लखनऊ मंडल की पहली इसरो अंतरिक्ष प्रयोगशाला बनाई गई है. इस प्रयोगशाला में चंद्रयान के मॉडल, चलायमान रोबोट, टेलीस्कोप, एयरक्राफ्ट, थ्रीडी प्रिंटर आदि की व्यवस्था की गई है. इसके जरिए बच्चे अंतरिक्ष विज्ञान के रहस्य जानने के साथ ही वैज्ञानिक बनने का सपना भी पूरा कर सकेंगे.
ग्राम प्रधान ने दिसंबर 2022 से शुरू की थी कोशिश
बिछिया ब्लाक का उच्च प्राथमिक विद्यालय दुआ केंद्र सरकार की क्षमता निर्माण कार्यक्रम में चयनित हुआ है. लखनऊ मंडल में आने वाले जिलो में यह पहला विद्यालय है, जहां पर अंतरिक्ष प्रयोगशाला का निर्माण हुआ है. इसके लिए ग्राम प्रधान राजेश सिंह ने दिसंबर 2022 से प्रयास शुरू किया था. अजय सिंह के मुताबिक, अभी प्रदेश के सिद्धार्थनगर के हसुड़ी पूर्व माध्यमिक विद्यालय में ही अंतरिक्ष प्रयोगशाला बनी है और उसका संचालन भी शुरू हो चुका है. वहां के प्रधान उनसे परिचित हैं. उन्होंने एक दिन इस प्रयोगशाला के बारे में बताया था, जिस पर वह गांव गए थे, उनसे इसकी जानकारी हासिल की थी. फिर अपने गांव में ही इसे बनवाने के प्रयास शुरू किए गए थे. इसरो के अधिकारियों से मुलाकात की थी और उनसे प्रयोगशाला निर्माण के लिए अनुरोध किया था. इसी साल मई में इसरो से कुछ अधिकारी आए थे और प्रयोगशाला निर्माण की संभावनाएं तलाशी थीं.
अंतरिक्ष प्रयोगशाला में मिलेंगे चलायमान रोबोट
इस प्रयोगशाला में चंद्रयान, मंगलयान के मॉडल लगाए गए हैं. साथ ही चलायमान रोबोट और थ्रीडी प्रिंटर भी यहां पर हैं. बड़ा या टेलीस्कोप भी है, जिसके माध्यम से बच्चे अंतरिक्ष की गतिविधियां भी देख सकेंगे. इसके अलावा राकेट लॉचिंग आदि की भी जानकारी हासिल कर पाएंगे. प्रधान राजेश कुमार के मुताबिक, अंतरिक्ष विज्ञान के संबंध में प्रशिक्षण देने के लिए अभी विद्यालय के दो शिक्षक और 20 बच्चों को चयनित किया गया है. पहले चरण में इनको प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके बाद यह अन्य बच्चों को प्रशिक्षित करेंगे. उन्होंने बताया कि गांव में अंतरिक्ष प्रयोगशाला बनने से न सिर्फ यहां के बच्चों का भला होगा, बल्कि जिले भर के बच्चों को समय-समय पर यहां लाकर शिक्षा दी जाएगी. इससे अंतरिक्ष विज्ञान को लेकर उनका मन मस्तिष्क भी विकसित हो सके.
सेवानिवृत्त वैज्ञानिक बताएंगे बारीकियां
उन्नाव जिले का यह पहला सरकारी विद्यालय होगा जहां भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक ऑनलाइन कक्षाएं लेंगे. समय-समय पर यहां का दौरा करके बच्चों को ऑफलाइन भी पढ़ाएंगे. उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान की बारीकियां बताएंगे. इसके जरिए बच्चे अंतरिक्ष विज्ञान के विषय में जान सकेंगे.
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