UP News: उत्तर प्रदेश में सत्ता के गलियारों में इन दिनों एक मुलाकात को लेकर सियासत गरमा गई. दरअसल ये मुलाकात सीएम आवास पर हुई जहां सोमवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचे थे. इस मुलाकात के दौरान प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भी सौंपा जिसमें एटा से पार्टी के पूर्व विधायक के खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है उसकी सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई है. हालांकि इस मुलाकात के बाद अब समाजवादी पार्टी के पूर्व सहयोगी दल उस पर निशाना साध रहे हैं.
चुपचाप सीएम से मिलने पहुंचे रामगोपाल
सीएम योगी से हर दिन सांसद और विधायक मिलते हैं और इसमें कोई नई बात नहीं है लेकिन जब मुलाकात समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव की हो और वो भी मुख्यमंत्री आवास पर, तब यह मुलाकात खास हो जाती है. रामगोपाल यादव, सीएम योगी से मिलने उनके सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग पर पहुंचे थे, तकरीबन 20 मिनट की इस मुलाकात के दौरान प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पूर्व विधायकों पार्टी के पदाधिकारियों के खिलाफ जो कार्यवाही हो रही है उन पर जो मुकदमे लगाए जा रहे हैं उसे लेकर बात की. वहीं प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने एटा से पार्टी के पूर्व विधायक और उनके परिवार के खिलाफ लगातार जो कार्यवाही हो रही है उसे लेकर मुख्यमंत्री को एक पत्र भी सौंपा जिसमें उसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है. हालांकि प्रोफेसर रामगोपाल यादव चुपचाप मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पहुंचे थे, लेकिन समाजवादी पार्टी ने ट्वीट करके इसकी जानकारी सभी को दी कि रामगोपाल यादव के मुख्यमंत्री से मिलने का असल वजह क्या है.
चोरी-चोरी, चुपके-चुपके मुलाकात का क्या है मकसद- सुभासपा
रामगोपाल ने जो चिट्ठी सीएम को सौंपी उसमें एटा से पार्टी के तीन बार के विधायक रामेश्वर सिंह यादव. उनके भाई योगेंद्र सिंह यादव और उनकी पत्नी जिला पंचायत के खिलाफ हो रही कार्रवाई की सीबीआई या एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है. अब इस पर सुभासपा ने हमला बोला है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने साफ तौर पर कहा कि रात के अंधेरे में चोरी-चोरी, चुपके-चुपके जो मुलाकात हुई है आखिर इसके पीछे क्या मकसद है. अरुण राजभर ने साफ तौर पर आरोप लगाया है कि इस मुलाकात के पीछे कहीं कोई डीलिंग तो नहीं है. उनका यह भी कहना है कि इन दिनों देश में लोग ईडीृसीबीआई की जांच से डरे हुए हैं तो उससे बचने के लिए तो यह गुपचुप मुलाकात नहीं हुई.
महान दल के नेता ने पूछा यह सवाल
केवल सुभासपा ही नहीं बल्कि महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने भी इस मुलाकात को लेकर सवाल खड़े किए हैं. केशव देव मौर्य का साफ तौर पर कहना है कि कहीं कोई बड़ी खिचड़ी तो नहीं पक रही. इस मुलाकात के बाद उसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया. वहीं शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने भी इस मुलाकात को लेकर सपा पर निशाना साधा है. पार्टी के नेता कह रहे हैं कि अखिलेश यादव को यह बताना चाहिए कि आखिर ऐसी क्या बात हो गई कि प्रोफेसर रामगोपाल यादव को पहली बार सीएम से मिलना पड़ा है.
हालांकि इस मुलाकात पर सरकार के मंत्री सधा हुआ जवाब दे रहे हैं. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का साफ तौर पर कहना है कि मुख्यमंत्री से कोई भी मुलाकात कर सकता है इसमें कोई नई बात नहीं है.