Lucknow News: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. एक तरफ जहां पुलिस अवैध तरीके से हथियार और शराब बनाने वालों की धरपकड़ कर रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ आबकारी विभाग ने भी चुनाव के दौरान शराब की अवैध बिक्री को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है. जिसके तहत राज्य में फिलहाल शराब बिक्री के लिए अस्थाई लाइसेंस की प्रक्रिया को रोक दिया है.


आबकारी विभाग का बड़ा फैसला


चुनावों को दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए शराब का इस्तेमाल कोई नई बात नहीं है. कई बार राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने के लिए अवैध तरीके से शराब बांटते है. चुनाव के दौरान अक्सर शराब की बिक्री में भी बढ़ोतरी देखी जाती है. इसी पर लगाम कसने के इरादे से आबकारी विभाग ने ये कदम उठाया है. विभाग की ओर से 15 मार्च तक के लिए राज्य में अस्थाई लाइसेंस पर रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही जिन लोगों को अस्थाई लाइसेंस जारी किए गए थे, विभाग उन पर निगरानी कर रहा है.    


अवैध शराब की बिक्री पर कसेगी लगाम


आबकारी विभाग के मुताबिक चुनाव के दौरान अस्थाई लाइसेंस दिए जाने से शराब की अवैध बिक्री, शराब के स्टोरेज का जरिया बन सकती है और इसका इस्तेमाल चुनावों में किया जा सकता है. इसी को देखते हुए आबकारी विभाग ने ये फैसला किया है. नए लाइसेंस के लिए अब आगे की प्रक्रिया 15 मार्च के बाद ही शुरू हो सकेगी. 


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