Hajj 2024: लोगों के दिलों में इस बात की ख्वाहिश हमेशा रहती है कि जीवन में एक बार हज यात्रा करने का अवसर जरूर मिले. आज से हज यात्रा शुरू हो रही है और प्रदेश की पहली फ्लाइट लखनऊ से रवाना भी हो चुकी है. देश के अलग-अलग शहरों से बड़ी संख्या में हज यात्री सऊदी अरब स्थित मदीना की यात्रा के लिए निकल रहें है. वाराणसी से भी इस बार 500 से अधिक मुस्लिम यात्री इस धार्मिक यात्रा पर निकल रहे हैं. लेकिन हज समिति की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना काल के बाद से ही वाराणसी से जाने वाले हज यात्रियों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है, जिससे हज यात्री काफी निराश और मायूस है.


पूर्वांचल हज़ सेवा समिति से जुड़े अदनान खान ने बताया कि वाराणसी से इस बार हज यात्रा करने के लिए आवेदन करने वाले श्रद्धालुओं की कुल संख्या 571 है. जिसमें 535 यात्रियों को हज यात्रा करने का अवसर मिलेगा. इन 535 हज यात्रियों में 58 मुंबई से,  8 दिल्ली से और 3 अहमदाबाद से उड़ान भरेंगे. वहीं इससे पूर्व के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2023 में 820 हज़ यात्री जबकि 2020 कोरोना काल के बाद से ही हज यात्रियों की संख्या में लगातार कमी देखी जा रही है. आज लखनऊ से हज यात्रा के लिए पहली फ्लाइट रवाना हो गई. . यूपी में यह यात्रा 25 मई तक चलेगी.


'अब वाराणसी से सऊदी के लिए सीधी फ्लाइट नहीं'
अदनान खान ने बताया कि 2020 कोरोना काल के बाद से ही वाराणसी से सऊदी के लिए डायरेक्ट फ्लाइट सेवा को बंद कर दिया गया था. जो अब तक शुरू नहीं हो पाई है. वाराणसी से सऊदी के लिए सीधी फ्लाइट होने पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु वाराणसी से जाते थे, लेकिन अब लखनऊ और अन्य बड़े शहरों की मदद से वह हज यात्रा पर निकलते हैं. पिछले वर्ष एक बार पुनः वाराणसी से सऊदी के लिए सीधी फ्लाइट सेवा शुरू हो चुकी थी, लेकिन अंतिम मौके पर गो एयर की सर्विस कैंसिल हो गई. 


 2012-13 में वाराणसी से जाते थे 5000 हज यात्री 
 सन् 2012-13 में वाराणसी जनपद से ही 5000 हज यात्री इस धार्मिक यात्रा के लिए रवाना होते थे. उस समय वाराणसी में ही वाराणसी जनपद के अतिरिक्त 16 अन्य जनपद जिसमें मऊ, गाजीपुर, देवरिया,  भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, जौनपुर, आजमगढ़, अकबरपुर, इलाहाबाद, चंदौली जिले के भी हज यात्री शामिल होते थे. वाराणसी जनपद से सऊदी के लिए सीधी फ्लाइट थी जिससे यात्रियों कों काफी सुविधा मिलती थी. लेकिन अब अलग-अलग शहरों से फ्लाइट होने की वजह से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.


ये भी पढ़ें: चुनाव हार गई BJP? अखिलेश यादव ने समझाई क्रोनोलॉजी, कहा- 'लोगों ने साथ छोड़ा'