Lucknow News: प्रदेश में मदरसों की जांच का आदेश होने के साथ ही हड़कंप मचा हुआ है. 15 मई तक प्रदेश में 7442 मदरसों की जांच होनी है. तो वहीं इसे लेकर पूर्व मंत्री और हज कमिटी के चेयरमैन मोहसिन रज़ा का कहना है की सीएम योगी को मदरसों की जांच CBI से करानी चाहिए. विभागीय जांच से सिर्फ लीपापोती होगी. हाल ही में शासन ने मदरसा आधुनिकीकरण योजना से आच्छादित मदरसों की जांच के निर्देश दिए हैं. इसके तहत भवन, भूमि, किराया नामा, शिक्षकों-छात्रों की भौतिक जांच के लिए कमेटी बनाई गई है. जिलाधिकारी के माध्यम से एसडीएम, खंड शिक्षा अधिकारी, खंड विकास अधिकारी को जांच करनी है. 15 मई तक जांच रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराई जानी है.
बच्चों के भविष्य के साथ न हो मजाक
मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 7442 मदरसे चल रहे हैं. मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद का कहना है की यह जांच आधुनिक शिक्षकों के भले के लिए है. बहुत सारे मदरसे आधुनिक शिक्षकों के वेतन के चक्कर में मदरसा नियमावली का उल्लंघन कर रहे. मदरसों का संचालन सिर्फ़ और सिर्फ़ मुस्लिम अल्पसंख्यक संस्था ही कर सकती है. लेकिन कई मदरसे कागज़ पर कुछ और हक़ीक़त में कुछ और नज़र आ रहे. हमारा मकसद साफ है कि मदरसों में पढ़ने वाले बीस लाख बच्चों के भविष्य से मज़ाक न हो.
मदरसों के साथ हो रही है सियासत
दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता सुफियान निजामी का कहना है की काफी वक्त से मदरसों के नाम पर सियासत हो रही. कहा गया था की मदरसों में पढ़ने वालों के एक हाथ में कुरान और एक में लैपटॉप होगा. लेकिन हकीकत सबके सामने है. सुफियान निज़ामी ने कहा की मदरसो की बेशक जांच हो, फर्जी मदरसों और दोषियों पर कार्रवाई हो लेकिन सियासत नहीं.
पुर्व मंत्री ने कि सीबीआई जांच कराने की मांग
इस मामले को लेकर मोहसिन रज़ा का कहना है की मदरसों की जांच CBI को दी जानी चाहिए.विभागीय जांच से कम नहीं चलेगा. पिछली सरकारों में बहुत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था मदरसों के नाम पर. 2017 में आने के बाद हमने काफी व्यवस्था सुधारी. हमने 7 हज़ार मदरसे पकडे जो अस्तित्व में ही नहीं थे. ऐसे शिक्षक मिले जो विदेशों में थे यहाँ वेतन पा रहे थे. खानापूर्ति की जांच बंद कर इसे CBI के हवाले करें. बिना अधिकारी की मिलीभगत भ्रष्टाचार नहीं हो सकता. विभागीय जांच होगी तो बस लीपापोती होगी.
अधिकारीयों के मिलीभगत से हो रहा भष्टाचार
मोहसिन रजा ने एबीपी गंगा से बातचीत में कहा कि सीएम योगी को मदरसों की जांच CBI को देनी चाहिए, विभागीय जांच से कम नहीं चलेगा, पिछली सरकारों में बहुत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था, 2017 में योगी सरकार आने के बाद हमने काफी व्यवस्था सुधरी, हमने 7 हज़ार मदरसे पकडे जो अस्तित्व में ही नहीं थे, ऐसे शिक्षक मिले जो विदेशों में थे यहाँ वेतन पा रहे थे, खानापूर्ति की जांच बंद कर CBI के हवाले करें, बिना अधिकारी की मिलीभगत भ्रष्टाचार नहीं हो सकता, विभागीय जांच होगी तो बस लीपापोती होगी, मालूम हो हाल ही में मदरसा बोर्ड ने मदरसा आधुनिकीकारण योजना से आच्छादित मदरसों की जांच के निर्देश दिए हैं, 15 मई तक प्रदेश में 7442 मदरसों की जांच होनी है.
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