UP News: उत्तर प्रदेश के लखनऊ (Lucknow)  में गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा (Sanjeev Maheshwari Jeeva) हत्याकांड के चार दिन बीत गए लेकिन अभी तक पुलिस को न वजह पता चल सकी है और न ही साजिशकर्ता के बारे में कोई जानकारी मिल सकी है. हत्याकांड की असल वजह और साजिशकर्ता की तलाश में पुलिस ने लखनऊ के साथ ही मैनपुरी (Mainpuri) जेल खंगालनी शुरू कर दी है. उधर, अब तक की पूछताछ में आरोपी विजय यादव (Vijay Yadav) ने जो भी जानकारियां दीं, उसमें से ज्यादातर गलत पाई गई हैं. विजय यादव ने लखनऊ जेल में बंद जिस आतिफ उर्फ अतीफ का नाम लिया था, वो अभी तक पुलिस को नहीं मिला है.


इस नाम के चार लोग जेल में बंद जरूर मिले लेकिन किसी का भी भाई असलम उर्फ अरशद नहीं निकला. आतिफ उर्फ अतीफ मुजफ्फर नाम के दो युवक कानपुर से आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते पकड़े गए थे. एक आतिफ उर्फ कुणाल चौधरी महाराष्ट्र का है, जबकि एक आतिफ गाजीपुर जिले का रहने वाला है. विजय ने पुलिस को बताया था कि उसे नेपाल में असलम उर्फ अरशद ने जीवा की हत्या की सुपारी दी थी. असलम का कहना था कि उसका भाई आतिफ उर्फ अतीफ लखनऊ जेल में बंद है और जीवा उसे परेशान करता है. उसकी बेइज्जती करता है इसलिए वह बदला लेने की हत्या कराना चाहता है.


बिहार पुलिस से भी किया जा रहा संपर्क


अभी तक पुलिस जीवा हत्याकांड के मास्टरमाइंड का सुराग भी नहीं लगा सकी है. विजय ने किसके इशारे पर जीवा की हत्या की, उसे रिवॉल्वर किसने उपलब्ध कराई, यह सवाल अभी अनसुलझे हैं. उधर, पुलिस ने लखनऊ और मैनपुरी की जेल में अपनी छानबीन शुरू कर दी है. दोनों जेल में जीवा काफी समय तक बंद रहा है. यहां पर रहने के दौरान उससे मिलने के लिए आने वालों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है. मुलाकाती रजिस्टर का पूरा ब्यौरा मंगाया गया है. विजय ने पुलिस की पूछताछ में असलहा तस्करी के बारे में भी जानकारी दी थी. उसने कहा था कि वो बिहार और मध्य प्रदेश के कई असलहा तस्करों के संपर्क में है और उनसे असलहे लेकर सप्लाई करता था. उसके इस बयान की तस्दीक करने के लिए बिहार के सिवान जिले की पुलिस से भी संपर्क किया जा रहा है. 


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