Noida news:लखनावली गांव के समीप स्थित अस्थाई डंपिंग ग्राउंड पर खड़े कूड़े के पहाड़ को खत्म करने के लिए कंपनी की तलाश पूरी हो गई है. भूमि ग्रीन एनर्जी को 6 लाख मीट्रिक टन कूड़े को डेढ़ साल में वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस पर प्राधिकरण 29 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है. चयनित कंपनी साइट पर मशीनरी स्थापित जल्द काम शुरू कर देगी. यह कंपनी प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पहले से काम कर रही है. कूड़े का पहाड़ खत्म होने से लखनावली व मलकपुर समेत आसपास के अन्य लोगों को राहत मिल जाएगी. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सख्ती को देखते हुए अधिकारियों ने इस काम को निर्धारित समयावधि व मानक के आधार पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं.


कूड़े की वजह से हो रही लोगों को परेसानीया 
शहर में स्थाई डंपिंग ग्राउंड न होने की वजह से घरों से निकलने वाले गीले व सूखे कूड़े को क्षेत्र के लखनावली गांव के समीप पड़ी खाली जमीन पर पिछले कई सालों से डंप किया जा रहा है. देखते ही देखते यहां कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है. इस समय लगभग 4 लाख मीट्रिक टन कूड़ा जमा है. आबादी के नजदीक होने की वजह से लखनावली, मलकपुर, मुबारकपुर के अलावा सीआरपीएफ, सीआईएसएफ व आईटीबीपी कैंप में रहने वाले जवानों को भी परेशानी होती है. निवासियों के साथ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) इसको लेकर काफी सख्त है.


 एनजीटी की सख्ती को देखते हुए कूड़े के पहाड़ को समाप्त करने के लिए इस काम को अंजाम देने वाली कंपनी की तलाश के लिए निविदा जारी की गई थी. काफी प्रयास के बाद कंपनी की तलाश पूरी हुई. तकनीकी परीक्षण व अन्य प्रक्रिया के बाद भूमि ग्रीन एनर्जी नामक कंपनी का चयन किया गया, कंपनी को 6 लाख मीट्रिक टन कूड़ा निस्तारित करना होगा, फिलहाल मौके पर 4 लाख मीट्रिक टन कूड़ा पड़ा है, जो बढ़कर 6 लाख मीट्रिक टन हो जाएगा. घरों से निकलने वाला अभी अस्थाई डंपिंग ग्राउंड पर ही डाला जा रहा है. इसके लिए कंपनी को डेढ़ साल का समय दिया गया है. दरअसल अस्थाई डंपिंग ग्राउंड पर जमा कूड़े को हटाना प्राधिकरण के सामने बड़ी चुनौती थी.  


जल्द से जल्द काम शुरू करने को दिए गए निर्देश
लखनावली के समीप स्थित अस्थायी डंपिंग ग्राउंड पर जमा कूड़ा डेढ़ साल में खत्म हो जाएगा. कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करने के लिए कंपनी का चयन कर लिया गया है. कंपनी को जल्द से जल्द काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. दोबारा से शहर में कूड़े का पहाड़ खड़ा न हो इसके लिए कूड़ा निस्तारण पर जोर दिया जाएगा.. 


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