UP News: यूपी में रद्द नहीं होगा 12,460 असिस्टेंट टीचर्स का चयन, HC ने 3 महीने में भर्ती का दिया आदेश
Lucknow News: हाईकोर्ट ने 1 नवंबर 2018 के एकल पीठ के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि अच्छी शिक्षा के लिए मैरिट को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, योग्य अभ्यार्थियों की नियुक्ति से मना नहीं कर सकते.
UP Assistant Teacher News: यूपी के प्राथमिक स्कूलों में 2016 में हुई 12460 सहायक शिक्षकों की भर्ती में से बचे 5990 चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति मामले में हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. जिसके बाद इनकी भर्ती का रास्ता अब साफ हो गया है. हाईकोर्ट ने 1 नवंबर 2018 के एकल पीठ के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि अच्छी शिक्षा के लिए मैरिट को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, योग्य अभ्यार्थियों की नियुक्ति से इनकार नहीं किया जाना चाहिए. इस भर्ती में 51 जिलों के 6470 चयनितों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे.
न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की दो सदस्यीय खंडपीठ ने इस मामले में आदेश जारी करते हुए उक्त भर्ती में बचे हुए 6470 पदों के लिए कॉमन मेरिट लिस्ट जारी करते हुए तीन महीनों भरने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने ये फैसला राज्य सरकार व कई अभ्यर्थियों द्वारा दाखिल 19 विशेष अपीलों पर सुनवाई करते हुए दिया है. इनमें से कुछ अपीलों में एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी.
जानें क्या है मामला?
ये मामला साल 2016 का है, जब दिसंबर महीने में विज्ञापन के जरिए सहायक टीचर्स की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की गई थी. भर्ती में 75 में से 24 जिलों में एक भी पद खाली नहीं था. ऐसे में इन जिलों के अभ्यर्थियों को दूसरे जिले में आवेदन करने की छूट दी गई थी. मार्च 2017 में पहली काउंसलिंग हुई, लेकिन फिर राज्य में सरकार बदल गई, बाद में नई सरकार ने 23 मार्च 2017 को भर्ती पर रोक लगा दी. जिसके बाद कुछ अभ्यार्थी कोर्ट चले गए.
एक नवंबर 2018 को हाईकोर्ट की एकल पीठ ने राज्य सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें भर्ती पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद सरकार ने भर्ती शुरू करने की अनुमति दी. सभी अभ्यर्थियों की काउंसलिंग भी कराई गई. 51 जिलों के 6470 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए, लेकिन बाकी चयनितों की नियुक्ति नहीं हो पाई.
नियुक्ति का रास्ता साफ
इसके बाद कुछ अभ्यर्थियों व राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए 19 अपीलें दाखिल की थीं. जिस पर सुनवाई करते हुए अब कोर्ट ने शून्य खाली पदों वाले जिलों के चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया और कहा कि योग्य अभ्यार्थियों की नियुक्ति से इनकार नहीं किया जा सकता है.