Lucknow Illegal Conversion Case: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अवैध धर्मांतरण मामले में स्पेशल एनआईए-एटीएस कोर्ट ने मौलाना उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी सहित अन्य 10 आरोपियों को अवैध धर्मांतरण मामले में दोषी पाए जाने पर उम्रकैद की सजा सुनाई दी है. कोर्ट ने अन्य 4 आरोपियों को राहुल भोला, मन्नू यादव, कुणाल अशोक चौधरी और सलीम को 10-10 साल की सजा सुनाया है. 


लखनऊ अवैध धर्मांतरण मामले में स्पेशल कोर्ट ने कुल 14 को दोषी पाया है. कोर्ट ने इनमें से 10 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जबकि चार अन्य आरोपियों को दस साल की कारावास की सजा सुनाई गई है. अवैध धर्मांतरण मामले में एक आरोपी इदरीश कुरैशी को हाईकोर्ट से स्टे मिला है. 


इन धाराओं के तहत कोर्ट ने पाया दोषी 
स्पेशल कोर्ट एनआईए-एटीएस ने आईपीसी की धारा 417, 120b, 153a, 153b, 295a, 121a, 123 और अवैध धर्मांतरण की धारा 3, 4, व 5 के तहत दोषी पाया है. एनआईए - एटीएस स्पेशल कोर्ट के जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी के मामले में सजा सुनाएंगे. आरोपियों को दोषी पाए जाने वाली धाराओं में 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का है प्रावधान.


क्या बोले वकील आलोक सिंह?
लखनऊ अवैध धर्मांतरण मामले में को लेकर वकील आलोक सिंह ने कहा कि इस केस को पूरी तरह से ट्रायल को असिस्ट किया था और आरोप पत्र में कुल 17 लोगों को आरोपी बनाए गए थे, जिसमें से 16 लोगों पर आरोप सिद्ध हुए हैं. बाक़ी लोगों अभी स्टे चल रहे हैं. 16 में से 12 लोगों को उम्रकैद की सजा और अर्थदंड सुनाए गए हैं अलग-अलग धाराओं में. बाकी चार लोगों में 10 साल की सजा और अर्थदंड सुनाए गए हैं. ये हैं चार लोगों के नाम, मोहम्मद सलीम, कुणाल अशोक चौधरी, राहुल भोला और मन्नू यादव हैं.


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