लखनऊ, एबीपी गंगा। प्रदेश की लखनऊ सीट हॉट सीटों में से एक हैं। लखनऊ सीट पिछले काफी सालों से बीजेपी का गढ़ रही है। खास बात है कि इस बार लखनऊ सीट पर जीत किसी की भी हो रिकॉर्ड बनना तय है। आजादी के बाद लखनऊ में अब तक 17 बार चुनाव हुए हैं, जिनमें बीजेपी और कांग्रेस सबसे ज्यादा सात-सात बार चुनाव जीती है। भारतीय लोक दल, निर्दलीय और जनता दल के प्रत्याशियों ने एक-एक बार यहां से जीत दर्ज की। वहीं सपा-बसपा जैसे बड़े राजनीतिक दल इस सीट पर कभी अपना खाता नहीं खोल सके हैं। यहीं वजह है कि 2019 के चुनाव में सभी दलों के पास रिकॉर्ड बनाने का मौका है।


दरअसल, अगर भाजपा या कांग्रेस में से कोई भी पार्टी यहां चुनाव जीतती है तो उसके पास सबसे ज्यादा बार जीतने का रिकॉर्ड बन जाएगा। वहीं, अगर बसपा-सपा गठबंधन जीतता है तो वो यहां से पहली बार खाता खोलने में कामयाब होगी। इसके अलावा, गठबंधन के पास अपना जनाधार मजबूत करने का भी मौका होगा।


बीजेपी का गढ़ लखनऊ
साल 1991 के बाद से लखनऊ बीजेपी का गढ़ रहा है। 1991 से साल 2014 तक हुए सभी लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां जीत का परचम लहराया है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की ये कर्मभूमि भी रही। उन्होंने लगातार यहां से पांच बार जीत दर्ज की। 2009 में वाजपेयी के मित्र लालजी टंडन यहां से चुनाव जीते। बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ यहां से जीतकर संसद पहुंचे। उन्होंने कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी को करीब पौने तीन लाख वोटों के अंतर से मात दी।