लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सिपाही के नाम-पते और दस्तावेजों से एक शातिर ने पुलिस में सिपाही की नौकरी हासिल कर ली. फर्जीवाड़ा करके शातिर 15 साल से नौकरी कर भी रहा है. मामले का खुलासा तब हुआ जब शातिर ने सिपाही के नाम से लिए गए क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं भरा और निजी कंपनी में लोन के लिए आवेदन कर दिया. क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने और लोन के सत्यापन के लिए बैंक ने जब सिपाही से संपर्क किया तब सच्चाई सामने आई. सिपाही ने विभूतिखंड थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.
दर्ज कराई एफआईआर
एसटीएफ में तैनात सिपाही मनीष कुमार सिंह ने बताया कि उसके नाम से पीएसी में एक शातिर नौकरी कर रहा है. बकौल मनीष कुछ दिन से उसके पास क्रेडिट कार्ड के बिल चुकाने और लोन के लिए सत्यापन करने संबंधी कॉल आ रहे थे. मनीष ने फोन करने वाले बैंक और निजी कंपनी के प्रतिनिधियों से कहा कि उसने न ही कोई क्रेडिट कार्ड लिया है और न ही लोन के लिए आवदेन किया है. बार-बार कॉल आने पर मनीष को शक हुआ और उसने अपना ऑनलाइन रोल चेक किया. पता चला कि मनीष के नाम, उसके पिता का नाम, जन्मतिथि, पैन कार्ड, आवास के पते से किसी शातिर ने नौकरी ले ली है और इस वक्त वो पीएसी में तैनात है. मनीष ने विभूतिखंड थाने में शातिर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
जारी है मामले की जांच
बलिया निवासी मनीष ने बताया कि वो वर्ष 2006 बैच का सिपाही है. उसने जून 2006 में बदायूं से नौकरी शुरू की थी जबकि उसके नाम से पीएसी में नौकरी कर रहे सिपाही ने अगस्त 2006 में बरेली से नौकरी शुरू की. दोनों के दस्तावेज एक जैसे ही हैं. सिर्फ फोटो अलग-अलग हैं. पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.
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