लखनऊ: बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आज पार्टी के दो पुराने लॉयलिस्ट और विधायक लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. चर्चा है कि बसपा से निष्कासित ये दोनों विधायक भी अपने पूर्व साथियों की तरह किसी और का दामन थाम सकते हैं. हालांकि, इस बात की पुष्टि अभी नहीं हुई है. लेकिन, 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद जिस तरीके से मायावती ने सपा का साथ छोड़ दिया था उसके बाद से ही अखिलेश यादव ने लगातार बसपा के नेताओं को अपने पाले में लाने कि कवायद शुरू की थी. लोकसभा चुनाव के बाद से अब तक बीएसपी के तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा सीनियर नेता, पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष बसपा छोड़ सपा का दामन थाम चुके हैं. 


बसपा छोड़ सपा में जाने की बाढ़ सी आ गई
बसपा से पलायन की शुरुआत अगर देखें तो 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद हुई जब बसपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज बसपा छोड़ सपा में गए. इंद्रजीत सरोज अपने साथ बसपा के 50 से ज्यादा नेताओ के साथ सपा में शामिल हुए थे. हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से बसपा छोड़ सपा में जाने की बाढ़ सी आ गई है. 


सपा में हो गए शामिल
2019 के बाद अब तक जिन बसपा के प्रमुख नेताओं ने सपा ज्वाइन की है उनमें पूर्व मंत्री और कद्दावर नेता राम प्रसाद चौधरी, पूर्व सांसद अरविंद चौधरी, पूर्व विधायक दूध राम, पूर्व विधायक नंदू चौधरी, मायावती के करीबी और 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के मोहनलालगंज से उम्मीदवार सीएल वर्मा, पूर्व मंत्री रघुनाथ प्रसाद संखवार, पूर्व बसपा प्रदेश अध्यक्ष दया रामपाल, कोऑर्डिनेटर मिठाई लाल, पूर्व मंत्री भूरेलाल, पूर्व वित्त मंत्री कमल कांत गौतम, पूर्व सांसद त्रिभुवन दत्त, पूर्व विधायक आसिफ खान बब्बू, वहीं, हाल ही में राज्यसभा चुनाव के बाद बसपा से निष्कासित विधायक असलम चौधरी की पत्नी नसीम बेगम, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभु दयाल चौहान, पूर्व सांसद कैलाश नाथ यादव, सलीम अख्तर शामिल हैं.


हाथी छोड़ साइकिल की कर सकते हैं सवारी 
राज्यसभा चुनाव के बाद पार्टी से निष्कासित विधायक सुषमा पटेल के पति ने भी कुछ समय पहले अखिलेश यादव से मुलाकात कर सपा ज्वाइन की थी. माना जा रहा है कि जिन 7 विधायकों को राज्यसभा चुनाव के बाद बसपा से निष्कासित किया गया था वो सब भी 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले साइकिल की सवारी कर सकते हैं.  


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