Lucknow News: लखनऊ के 200 साल पुराने मशहूर शैक्षिक संस्थान ला मार्टिनियर बॉयज के शिक्षकों और कर्मचारियों को पिछले दो महीने से अपना मासिक वेतन का भुगतान नहीं हुआ है. शिक्षकों और कर्मियों को सैलरी न मिलने से सभी काफी परेशान हैं. इसका असर कहीं ना कहीं बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता पर भी पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. इसके पीछे का कारण सातवां वेतनमान न लागू हो पाना बताया जा रहा है. 


जानकारी के मुताबिक कुछ समय पहले कई शिक्षकों ने प्रधानाचार्य पर सातवां वेतनमान न देने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. इसके बाद प्रधानाचार्य ने शिक्षकों को नोटिस भी जारी की थी. तब प्रधानाचार्य ने कहा था कि उन्होंने सातवें वेतन आयोग की सिफारिश अपने बोर्ड के सदस्यों से कर दी है और बोर्ड को इस पर निर्णय करना है. जैसे ही ट्रस्ट क्लियर कर देगा वैसे ही सभी को सैलरी दे दी जाएगी.


'ट्रस्ट के अप्रूवल न देने से पेमेंट रुका हैं'
ला मार्टिनियर बॉयज के प्रिंसिपल मिस्टर मैकफारलैंड ने बताया कि मैनेजमेंट की तरफ से 9 दिसंबर सैलरी का विषय क्लियर कर दिया गया है. अभी ट्रस्ट की तरफ से इसका अप्रूवल नहीं दिया गया है. उन्होंने बताया कि कोई वित्तीय कमी नहीं है. हमारे पास पर्याप्त रिजर्व और कैश मौजूद है. इस समस्या का कारण ट्रस्टीज और कमेटी ऑफ मैनेजमेंट के बीच में विवाद है. कमेटी ऑफ मैनेजमेंट की तरफ से सातवें वेतन आयोग अप्रूवल आ चुका है लेकिन ट्रस्ट ने अभी अप्रूवल नहीं दिया है, इसलिए पेमेंट रुक गई है. 


'सैलरी न मिलने से कर्मचारियों पर पड़ रहा प्रभाव'
प्रिंसिपल का कहना है कि हम सैलरी नहीं दे पा रहे ये बहुत गलत बात है, कई गरीब लोग हमारे यहां हैं. जैसे गार्डनर, स्वीपर तो वहीं बड़ी संख्या में मिडल क्लास लोग भी हैं,जिनके महीने के खर्च और ईएमआई पर इसका विशेष असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा जितना जल्दी ट्रस्ट मान जाए सैलरी देने को लेकर उतना जल्दी हम पेमेंट दे देंगे. उन्होंने कहा - 'ईट इज अ स्ट्रगल ऑफ पावर', एक तरफ ट्रस्टीज में चीफ सेक्रेटरी और एलआर हैं तो वहीं एक तरफ कमिटी ऑफ मैनेजमेंट है जिसके चेयरमैन सीनियर जज हैं. प्रिंसिपल ने कहा कि ट्रस्ट को क्लियर करना है की सैलरी बढ़ा के मिलनी है या पुरानी वाली मिलनी है. 


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