लखनऊ: देव दीपावली पर मनकामेश्वर घाट पर रोशन होंगे लाखों दीपक, कोरोना से बचाव के लिए भी किया जाएगा सावधान
देव दीपावली के अवसर पर डालीगंज के मनकामेश्वर उपवन घाट को 2 लाख दीपकों से रोशन किया जाएगा. इस अवसर पर लोगों को कोरोना से बचाव के लिए सावधान भी किया जाएगा.
लखनऊ: देव दीपावली पर मनकामेश्वर घाट एक बार फिर लाखों दीपकों से रोशन होगा. कार्तिक पूर्णिमा पर 30 नवंबर को दीपमालाओं से रोशन मनकामेश्वर घाट, देवताओं का भव्य स्वागत इस धरती पर करेगा. इसके साथ ही सिखों के आदिगुरु नानक का जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा. इस अवसर पर लोगों को कोरोना से बचाव के लिए सावधान भी किया जाएगा. मनकामेश्वर मठ मंदिर और नमोस्तुते मां गोमती संस्थान की ओर से पूर्णिमा की गोमती आरती के बाद कार्यक्रम की शुरुआत महादेव की वंदना से होगी.
दो लाख दीपकों से रोशन होगा घाट महंत देव्यागिरी ने बताया कि कर्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा रविवार 29 नवंबर को दोपहर 12:33 से सोमवार 30 नवंबर को दोपहर 2:26 बजे तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार पूर्णिमा पूजन सोमवार को किया जाएगा. उस दिन स्वार्थसिद्धि का कल्याणकारी योग भी मिल रहा है. उन्होंने बताया कि डालीगंज के मनकामेश्वर उपवन घाट को 2 लाख दीपकों से रोशन करने के लिए मंदिर के सेवादार दिन रात जुटे हुए हैं. इसके लिए मिट्टी के दिये ही नहीं गोमय दीपक और घी के दीपक भी तैयार किये जा रहे हैं. महंत देव्यागिरी ने कहा कि 30 नवंबर को चन्द्रग्रहण की उपछाया है जिसका भारत में कोई प्रभाव नहीं रहेगा. इसलिए, समस्त कार्य परंपरा के अनुरूप ही किये जा सकेंगे. मठ-मंदिर की श्रीमहंत देव्यागिरी की उपस्थिति में 30 नवंबर को पंडित शिवानंद और पंडित शिवराम अवस्थी के आचार्यत्व में गोमती मां की आरती बनारस की तर्ज पर 11 वेदियों से की जाएगी.
त्रिपुरासुर का किया गया था अंत महंत देव्यागिरी ने बताया कि देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा पर मनायी जाती है. मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवतागण दिवाली मनाते हैं. इसी दिन देवताओं का काशी में प्रवेश हुआ था. मान्यता है की तीनों लोकों में त्रिपुरासुर राक्षस का राज चलता था. देवतागओं ने भगवान शिव से विनती की कि त्रिपुरासुर राक्षस के कष्ट से मुक्त करें. भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन त्रिपुरासुर का वध किया था इसलिए महादेव त्रिपुरारी भी कहलाये. इससे उत्साहित देवताओं ने स्वर्ग लोक में दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया, तभी से कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली मनायी जाने लगी.
गुरु नानक की जयंती भी मनायी जाएगी सिखों के प्रथम गुरु नानक देव का जन्म कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था. कार्तिक पूर्णिमा आयोजन के मौके पर उन्हें नमन करते हुए लोगों को संदेश दिया जाएगा कि वो भी उनके दर्शन, योग, धर्म सुधार, समाज सुधार, कवि हृदय, देश भक्ति और विश्वबंधु से प्रेरित हों.
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