Lucknow News: राजधानी लखनऊ के लाटूश रोड पर स्थित चार मंजिला रिहाईशी इमारत में बने गोदाम में भीषण आग लग गई. जिससे चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई. ये आग इतनी भयंकर थी कि इसे बुझाने में एक-दो नहीं बल्कि पूरे 31 घंटे लग गए. बताया जा रहा है कि गोदाम में प्लास्टिक का सामान भरा हुआ था, जिसकी वजह से आग को बुझाने में इतनी दिक्कत आई. 


इस आग के बाद सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि इससे आसपास के घरों को नुकसान न हो. आग वहां तक न फैल पाए इसके लिए एसडीआरएफ और हरदोई तक से फायर यूनिट बुलानी पड़ी और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका. आग को बुझाने में 105 दमकलकर्मी जुटे रहे. इस दौरान हज़रतगंज के फायर ऑफ़िसर रामकुमार रावत को चोटें भी आई हैं. 


चार मंजिला गोदाम में लगी आग
बताया जा रहा है कि ये गोदाम लखनऊ के व्यापारी संजय जायसवाल का है. इस गुरुवार की सुबह क़रीब नौ बजे इस चार मंजिला गोदाम में अचानक आग लग गई. इस गोदाम में प्लास्टिक का कूलर और झालर भरी हुई थी. आसपास के लोगों ने जब आग की लपटें देखीं तो शोर मचाना शुरू कर दिया. देखते ही देखते आग ने विकराल रूप लेने शुरू कर दिया, जिसके बाद पूरे इलाके में कोहराम मच गया. 


प्लास्टिक में लगी आग की वजह से आसपास के लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया. हवा में इतना काला धुआं हो गया कि आधे किमी के दायरे तक लोगों सांस नहीं ले पा रहे थे. आग आसपास के इलाके में न फैल पाए ये सबसे बड़ी चुनौती थी. ऐसे में गोदाम के चारों ओर 16 दमकल की गाड़ियां लगाई गईं थी जो लगातार पानी डाल रही थी, इसके साथ ही बिल्डिंग के ऊपर से भी पानी डाला जा रहा था. 


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चीफ फायर ऑफिसर ने बताया कि घंटों की मशक्कत के बाद शुक्रवार सुबह तक किसी तरह आग पर क़ाबू पाया गया लेकिन फिर आग पूरी तरह शांत नहीं हो पाई थी. शाम चार बजे तक गोदाम से सारा सामान निकाला गया. जिसके बाद कहीं जाकर पानी डालने का काम रोका गया. इस आग में लाखों रुपयों का सामान जलकर खाक हो गया. जबकि एक फ़ायर ऑफिसर को भी चोट आई है. 


आग बुझाने के दौरान सीएफ़ओ रामकुमार रावत हाइड्रोलिक प्लेटफ़ॉर्म पर चढ़े थे, लेकिन नीचे उतरते वक्त टकराने की वजह से उनकी बाई आंख में चोट लग गई. जिसके बाद उन्हें अस्पताल भी ले जाना पड़ा.