लखनऊ: बेसिक शिक्षा विभाग का 18 हजार से अधिक स्टाफ इस समय शक के दायरे में है. ये वो स्टाफ है जिसका मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड डेटा अब तक सत्यापित नहीं हो पाया है. अगर 17 दिसंबर तक इनका डेटा सत्यापित नहीं हुआ तो इनकी सूची विशेष जांच के लिए एसटीएफ को सौंपी जाएगी.
फर्जी लोगों को चिन्हित करना होगा आसान
बेसिक शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, शिक्षकों, शिक्षामित्रों समेत अन्य स्टाफ की सर्विस बुक को डिजिटल करने के लिए मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड किया गया है. इसकी एक वजह किसी भी वेरिफिकेशन में तेजी लाना है तो दूसरी फर्जी लोगों को चिन्हित करना.
एसटीएफ भी कर रही है जांच
पिछले कुछ समय में बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षक सामने आए हैं. एसटीएफ भी इनकी जांच में लगी है. इसी बीच मानव संपदा पोर्टल पर 18 हजार 110 लोगों का डेटा वेरीफाई न होने से हड़कंप मच हुआ है. निदेशक बेसिक शिक्षा ने सभी बीएसए को 17 दिसंबर तक डेटा वेरिफिकेशन पूरा कराने के निर्देश दिए हैं. इस तारीख तक जिनका डेटा वेरीफाई नहीं होगा उनके नाम एसटीएफ को सौंपे जाएंगे.
353 लोगों का डेटा वेरीफाई नहीं है
बात राजधानी लखनऊ की करें तो बेसिक शिक्षा निदेशालय के अनुसार यहां 353 लोगों का डेटा वेरीफाई नहीं है. जबकि, बीएसए की मानें तो उन्होंने डेटा वेरिफिकेश पूरा कर लिया है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर ये 353 लोग कौन हैं और कहां है.
क्या कहते हैं आंकड़े
कुल रजिस्टर्ड स्टाफ: 643055
डेटा वेरिफिकेशन पेंडिंग: 18110
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