Lucknow : एक मां ने अपने 22 वर्षीय बेटे को अपनी एक किडनी दान कर दी (Mother donated her kidney). इससे उसे नया जीवन मिला. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में शनिवार को किडनी ट्रांसप्लांट किया गया. केजीएमयू में यह चौथा किडनी ट्रांसप्लांट (fourth kidney transplant in KGMU) है. किडनी देने वाली मां और इसे पाने वाला बेटा दोनों स्वस्थ हैं.
केजीएमयू में नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर विश्वजीत सिंह ने बताया कि मरीज को एक हफ्ते पहले उसके चेहरे और पैरों में सूजन के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसके गुर्दे की बायोप्सी की गई और पता चला कि उसे ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस था. प्रोफेसर सिंह ने कहा कि मरीज पांच साल से उच्च रक्तचाप से पीड़ित था. परिवार में केवल मां-बेटा ही हैं. मां एक निजी कंपनी में काम करती है. जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके बेटे को किडनी प्रत्यारोपण के माध्यम से बचाया जा सकता है तो वह किडनी दान करने के लिए तैयार हो गईं.
नि:शुल्क किया गया ट्रांसप्लांट
ट्रांसप्लांट टीम में शामिल प्रोफेसर मनोज यादव ने बताया कि असाध्य रोग योजना के तहत यह उपचार नि:शुल्क किया गया. उन्होंने कहा कि एसजीपीजीआईएमएस के यूरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी विभागों के डॉक्टरों की एक टीम ने भी प्रक्रिया में केजीएमयू के डॉक्टरों की मदद की. केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) प्रो. एस.एन. संखवार ने कहा कि किडनी दाता और किडनी प्राप्तकर्ता दोनों पर दो सप्ताह तक नजर रखी जाएगी, फिलहाल उन्हें कोई समस्या नहीं है. किडनी दान के नाम पर चल रहे व्यापार को खत्म करने के लिए सरकार ने इसके लिए दानदाता और दान लेने वाले के बीच रक्त संबंध होने को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है.
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