लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में डॉक्टर अलका राय के खिलाफ एंबुलेंस के फर्जी दस्तावेजों के संबंध में दर्ज मामले की जांच में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का नाम सामने आया है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ये जानकारी दी है. इस बीच, भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने कहा कि लावारिस हालत में मिली एंबुलेंस कई राज खोलेगी और ये मुख्तार अंसारी के गले की फांस बनेगी. अंसारी को पंजाब में मोहाली की एक अदालत में इसी एंबुलेंस से ले जाया गया था.
एसआईटी का हुआ गठन
बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने सोमवार को बताया कि अंसारी को जिस एंबुलेंस में अदालत में ले जाया गया था, वे निजी एंबुलेंस निकली और पंजाब में एक ढाबे से लावारिस हालत में बरामद की गई है. इस एंबुलेंस की जांच के लिए एसआईटी भी गठित हो चुकी है. प्रसाद ने बताया कि एंबुलेंस मामले में अंसारी के करीबी बाराबंकी के पांच लोगों को बुलाकर 6 घंटे पूछताछ की गई और सभी से कहा गया है की उन्हें जब भी कोतवाली बुलाया जाएगा, उन्हें हाजिर होना पड़ेगा.
गले की फांस साबित होगी एंबुलेंस
वहीं, सांसद बृजलाल ने सोमवार को ट्वीट किया कि ''मेरा अनुमान सत्य साबित हुआ. पंजाब में मुख्तार की एंबुलेंस खटारा हालत में है, इंजन-चेचिस नंबर मिटे हैं. अंदर गंदगी भरी पड़ी है. गाड़ी बदल दी गई है जो पंजाब सरकार की साजिश से ही संभव है. मुख्तार के ड्रग कनेक्शन की जांच आवश्यक है.''
बृजलाल ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि ''मुख्तार अंसारी की शानदार सवारी एकाएक गायब हो गई और लावारिस हालत में मिली. एंबुलेंस यूपी-41 एटी 7171 अभी बहुत राज खोलेगी और मुख्तार के गले की फांस साबित होगी. इसकी फॉरेंसिक टीम से विस्तृत जांच जरूरी है.'' उन्होंने ट्वीट के साथ एक खबर की कतरन भी संलग्न की जिसमें ये उल्लेख है कि अंसारी की एंबुलेंस रविवार देर रात पंजाब के रूपनगर जिले में लावारिस हालत में मिली जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया है.
ट्वीट के साथ संलग्न की गई खबर में कहा गया है कि रूपनगर के पुलिस अधीक्षक टीएस गिल के मुताबिक पुलिस को सूचना मिली थी कि चंडीगढ़-नांगल राजमार्ग पर एक ढाबे के पास सड़क के किनारे उत्तर प्रदेश नंबर की एक एंबुलेंस लावारिस हालत में खड़ी है और इसके बाद पुलिस ने उसे अपने कब्जे में ले लिया.
सामने आया मुख्तार अंसारी का नाम
इधर, राजधानी लखनऊ में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने सोमवार को कहा कि हाल ही में बाराबंकी में पंजीकृत मुकदमे (एंबुलेंस प्रकरण) की विवेचना में मुख्तार अंसारी का नाम प्रकाश में आया है.
वसूली के एक मामले में 31 मार्च को अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से कथित एंबुलेंस से ही मोहाली की अदालत में ले जाया गया था. दो अप्रैल को बाराबंकी में एंबुलेंस के दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर मामला दर्ज किया गया था. ये एंबुलेंस बाराबंकी जिले से ही डॉक्टर अलका राय के नाम से पंजीकृत थी. इसके बाद सहायक राज्य सड़क परिवहन अधिकारी की तरफ से राय के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया.
मुख्तार अंसारी को सजा मिलेगी
कुमार ने एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में अंसारी के खिलाफ 52 मामले दर्ज हैं और इनमें 15 में पड़ताल चल रही है. अभियोजन का कार्य जल्द पूरा हो जाएगा और अंसारी को सजा मिलेगी. उन्होंने कहा कि अंसारी ने पूर्वांचल में कई जघन्य आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया. कई पुलिसकर्मियों की भी हत्या की गई.
अपराधियों और शूटरों का बनाया गिरोह
कुमार ने कहा कि अंसारी ने प्रदेश के कुख्यात अपराधियों और शूटरों का एक गिरोह बनाया और सीमावर्ती राज्य बिहार के शहाबुद्दीन गिरोह से भी संपर्क बनाकर एक मजबूत आपराधिक साम्राज्य स्थापित किया. उन्होंने कहा कि अंसारी की तरफ से पूर्वांचल में कोयला मंडी और ठेकों से करोड़ों रुपये की मासिक उगाही की जाती रही.
सरकार की सख्त कार्रवाई
कुमार ने कहा कि, ''वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार की सख्त कार्रवाई के चलते अंसारी गिरोग के गुर्गों और उसके शरणदाताओं के आर्थिक साम्राज्य को ध्वस्त किया गया है और अंसारी समेत उसके सहयोगियों की करीब 192 करोड़ की संपत्ति जब्त और नष्ट की गई है.'' उन्होंने कहा कि 75 अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है और उसके गिरोह के 72 अपराधियों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं. उसके सहयोगी सात ठेकेदारों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है.
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