लखनऊ: नगर निगम चंद दिनों में ही शहर भर में 'नेकी की दीवार', 'बर्तन बैंक' और 'थैला बैंक' शुरू करने जा रहा है. स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए इस बार नगर निगम ने जो योजना बनाई है वो काफी अनूठी है. ये न सिर्फ रैंक बेहतर करने में भूमिका निभाएगी, बल्कि जरूरतमंदों की मदद कर उनको बड़ी राहत भी देगी.


लखनऊ नगर निगम सिंगल डिस्पोजेबल बर्तन को बंद करने के लिए एक बर्तन बैंक खोलने जा रहा है. इससे आप घर में हो रहे छोटे बड़े कार्यक्रमों के लिए नगर निगम से स्टील और चीनी के बर्तनों को बुक कर ले सकेंगे. नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि इसके लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. सिर्फ इतना करना होगा कि व्यक्ति जितने बर्तन लेकर जाएगा उसमे एक बढ़कर वापस लौटाएगा. यानी अगर कोई 200 बर्तन लेकर जाता है तो 201 वापस करने होंगे.


फिलहाल नगर निगम ने CSR के तहत 5 हज़ार बर्तन जुटाए हैं. इसका एक फायदा ये भी होगा की जो लोग ऐसे कार्यक्रमों के लिए डिस्पोजेबल बर्तन लेते हैं उनका इस्तेमाल भी कम होगा. डिस्पोजेबल कम उत्पन्न होगा. यानी एक तरफ लोगों की मदद, उनको बिना खर्च के ही बर्तन मिलेंगे तो दूसरी तरफ स्वच्छता बढ़ेगी. अगले एक हफ्ते में इस बर्तन बैंक को शुरु करने की योजना है.


शहर में होगी ''नेकी की दीवार''
नगर निगम शहर के सभी 8 जोन में एक-एक 'नेकी की दीवार' भी शुरू करने जा रहा है. नेकी की दीवार यानी वो जगह जहां आपके पास जो भी अधिक है या जो भी श्रद्धा है वो छोड़कर मतलब डोनेट करके आ सकते हैं. जैसे कपड़े, खिलौने, बर्तन या कुछ और भी. यहां से ये सामान वो लोग ले सकेंगे, जिन्हें इनकी ज़रूरत है. यानी आपका यहां छोड़ा कपड़ा किसी का तन ढकेगा, सर्दी से बचाएगा तो खिलौना किसी गरीब के बच्चे के चेहरे पर मुस्कान लाएगा.


इसके अलावा नगर निगम थैला बैंक भी शुरू करेगा. शहर के मुख्य बाजारों, सब्जी व फल मंडी में नगर निगम कपड़े के थैले के स्टाल लगाएगा. यहां 5 रुपये से लेकर 20 रुपये तक कपड़े के थैले मिलेंगे. नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि इसका मकसद ये है कि लोग पॉलीथीन की जगह कपड़े के थैले का इस्तेमाल करें.


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