Lucknow News: लखनऊ (Lucknow) में यजदान बिल्डर के अलाया हेरीटेज अपार्टमेंट के मामले में एक बार फिर नया मोड़ आ गया है. सिविल कोर्ट ने अपार्टमेंट के ध्वस्तीकरण की कारवाई पर रोक लगा दी है. हालांकि, रविवार की छुट्टी होने के चलते एलडीए के अधिकारी सिविल कोर्ट का आदेश रिसीव नहीं कर रहे हैं, बल्कि अपार्टमेंट तोड़ने में लगाए गए मजदूरों की संख्या और बढ़ा दी गई. इसे लेकर बिल्डर, बायर्स और उनके वकीलों की एलडीए के अधिकारियों से कई दफा बहस भी हुई. इसके बावजूद तोड़फोड़ का काम नहीं रोका गया. मौके पर तनाव को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है. 


एलडीए के अधिकारी नहीं मान रहे आदेश
एलडीए (LDA) ने शनिवार सुबह ही अपार्टमेंट में फिर से तोड़फोड़ का काम शुरू किया था. इसके विरोध में एक फ्लैट ओनर दिव्या श्रीवास्तव की तरफ से सिविल कोर्ट में वाद दाखिल करके शाम को ही ध्वस्तीकरण के आदेश पर रोक हासिल कर ली गई थी. दिव्या श्रीवास्तव के पति आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि एलडीए के अधिकारी सिविल कोर्ट का आदेश नहीं मान रहे हैं और न ही उसकी कॉपी रिसीव कर रहे हैं.


'यह कोर्ट की अवमानना'
एलडीए के अधिकारियों का कहना है कि आदेश की जो प्रति दिखाई जा रही है वो न ही सर्टिफाइड है न ही उसमें हस्ताक्षर है. आशीष का तर्क है कि सिविल जज का आदेश पोर्टल पर अपलोड हो गया है जिसे देखकर तोड़फोड़ की कार्रवाई रोकी जा सकती है. उन्होंने कहा कि यह कोर्ट की अवमानना है. सोमवार को आदेश की सर्टिफाइड कॉपी एलडीए के अधिकारियों को रिसीव कराएंगे. साथ ही कोर्ट की अवमानना के मामले में भी आगे की कार्रवाई की जाएगी.


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