Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) लगातार इन दिनों अलग-अलग मंडलों की समीक्षा बैठक कर रहे हैं, लेकिन इस बार उनका स्टाइल बदला हुआ है. इस बार इस समीक्षा बैठक में मंडल के सभी सांसद और विधायकों को मुख्यमंत्री आवास बुलाया जा रहा है और अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ रहे हैं. मुख्यमंत्री इसके जरिए उस मंडल में जो जिले आते हैं वहां किस तरीके से विकास कार्य हो रहे हैं, उसका फीडबैक ले रहे हैं.
इसके साथ ही साथ इन्वेस्टर्स समिट को लेकर मंडलों में जो समिट होनी है, उस पर भी चर्चा की जा रही है, लेकिन कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री इसके जरिए अधिकारियों के काम का फीडबैक भी जनप्रतिनिधियों से ले रहे हैं. माना जा रहा है कि इन बैठकों का असर जल्द देखने को भी मिल सकता है.
सीएम योगी का इस बार अलग है अंदाज
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वैसे पहले भी मंडलों की समीक्षा बैठक करते रहें हैं. कभी उन मंडलों में जाकर तो कभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लेकिन इस बार जो बैठकें शुरू की हैं वो थोड़ा बदले अंदाज में है. इन समीक्षा बैठकों में उस मंडल के अंतर्गत आने वाले सभी जिलों के जो पार्टी के विधायक और सांसद हैं उन्हें मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया जा रहा है. उन्हें बकायदा पूरी तैयारी के साथ आने को कहा जा रहा है जिसमें उनके जिले में विकास की क्या कुछ योजनाएं हैं उन पर कितना काम हुआ है किस तरीके से अन्य मुद्दे हैं और अधिकारी वहां कैसे काम कर रहे हैं, यह भी चीजें शामिल हैं.
मुख्यमंत्री के साथ उस मंडल के जनप्रतिनिधि बैठते हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अफसर भी उन जिलों के जुड़ते हैं, हालांकि प्रमुख मुद्दा तो मंडलों और जिलों में होने वाले इन्वेस्टर्स समिट हैं लेकिन इस बैठक में मुख्यमंत्री जनप्रतिनिधियों से पूछते हैं कि उनके यहां विकास की योजनाएं किस तरह चल रही हैं, काम कितना आगे बढ़ा है. कई बार जब अधिकारी विकास की योजनाओं को बढ़ा चढ़ा कर बताते हैं तो जनप्रतिनिधि तुरंत ही मुख्यमंत्री के सामने किस योजना में कितना काम हुआ है सामने रख दे रहे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री को जिले में क्या कुछ चल रहा है इसका फीडबैक वहीं मिल जा रहा है.
सीएम को हर चीज का दिया जा रहा फीडबैक
इस बैठक के जरिए जहां कोशिश है कि मंडल और जिलों में होने वाले इन्वेस्टर सम्मिट से पहले सारी तैयारियां पूरी कर ली जाए तो कहीं ना कहीं किस क्षेत्र में विकास योजनाओं के लिए अब तक कितना पैसा अलॉट हुआ है, और उस योजना के लिए कितनी किस्त जारी हो चुकी है, इन चीजों पर भी विधायक सांसद चर्चा कर रहे हैं. इतना ही नहीं सांसद और विधायक जब इस बैठक में जा रहे हैं तो उनके जिले में क्या कुछ समस्याएं हैं. जनता किन चीजों को लेकर नाराज है, इसका भी फीडबैक मुख्यमंत्री को दे रहे हैं. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने किसानों का बिजली बिल बकाया होने पर भी कनेक्शन न काटने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा बुनकरों को भी बिजली बिल में जो सब्सिडी देने की बात हुई है, उसकी भी चर्चा इसी तरह बैठक में हुई है.
जाहिर है 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं और इसमें अब एक वर्ष का ही समय बचा है. ऐसे में कोशिश यह है कि सांसद विधायकों से ना केवल जनता से जुड़ी समस्याओं का फीडबैक सामने आए बल्कि लापरवाह अफसर कौन है जिनके चलते योजनाएं पूरी नहीं हो पा रही हैं उनकी भी डिटेल सामने आये, जिससे कि ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सके.
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