Transfer Irregularities in Education Department: बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग में हुए कर्मचारियों के ट्रांसफर में गड़बड़ी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक तरफ इसे लेकर कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन जारी है तो दूसरी तरफ बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने तबादलों की गड़बड़ियां दूर करने के निर्देश दिए हैं. गुरुवार को यूपी एजुकेशनल मिनिस्टिरिअल ऑफिसर्स एसोसिएशन के बैनर तले बेसिक शिक्षा निदेशालय पर कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया. कर्मचारी इस बात से नाराज हैं की एक तो पहले ट्रांसफर में गड़बड़ी हुई फिर ऊपर से दबाव बनाया जा रहा है की ज्वॉइनिंग न करने वालों का वेतन रोका जाएगा. एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विवेक यादव ने कहा कि ये ट्रांसफर 15 जून 2022 के शासनादेश के विपरीत हुए हैं.
ट्रांसफर में हुई है गड़बड़ी
विवेक यादव ने कहा की जिस जगह पद ही खाली नहीं वहां भी ट्रांसफर कर कर्मचारियों को भेजा गया. जब पद ही नहीं है तो ज्वॉइन कैसे करें. कई जगह 1 पद पर दो कर्मचारी भेज दिए गए. ट्रांसफर नीति के अनुसार अधिकतम 20 फीसदी तबादले हो सकते हैं. लेकिन यहां इससे अधिक ट्रांसफर हुए. दूसरा मंडल स्तर के ट्रांसफर भी निदेशालय स्तर से कर दिए गए. संगठन के पदाधिकारी का ट्रांसफर सिर्फ डीएम की अनुमति से हो सकता लेकिन इसे भी नहीं माना गया. निलंबित कर्मचारी जिनके रिटायरमेंट 2-4 महीने बाकी है, दिव्यांग, गंभीर रोग से बीमार सभी का ट्रांसफर कर दिया गया. कुल 14 तरह की समस्या हैं. पर अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ.
1 पद पर दो कर्मचारी को भेजा गया
एबीपी गंगा की टीम उन कर्मचारियों से मिली जो इन ट्रांसफर की वजह से अब कहीं के नहीं रहे. कर्मचारी ओम प्रकाश ने बताया की वो GGIC सुल्तानपुर में थे. बीएसए कार्यालय सुल्तानपुर में तबादला हुआ. 4 जुलाई को रिलीव कर दिया गया तो ज्वाइन करने पहुंचे. पता चला बीएसए कार्यालय में उस 1 पद पर दो को भेज दिया गया है. 1 ने पहले से वहां ज्वाइन कर लिया और अब पद खाली नहीं है. ऐसे में ओम प्रकाश कहते हैं की वो तो अब हवा में हैं. लखनऊ के राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज से देवेन्द्र सिंह का तबादला DIOS कार्यालय किया गया. 1 जुलाई को चार्ज लेने पहुंचे तो पता चला यहां तो पद ही रिक्त नहीं है. वापस कॉलेज भेजा तो अब वहां भी ज्वाइन नहीं करा रहे. देवेन्द्र कहते हैं की 1 जुलाई से वो सड़क पर हैं.
क्या कहते हैं बेसिक शिक्षा मंत्री
वहीं इस मामले में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि पारदर्शी व्यवस्था बनाकर लिपिक वर्ग के ट्रांसफर किए गए. सालों से ट्रांसफर नहीं हुए थे इसलिए बड़े स्तर पर जब यह हुआ तो कुछ त्रुटियां सामने आई हैं. जिन्हें ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं. पद का मुद्दा हो या अधिक दूर भेजे जाने का सबको देख रहे हैं. संदीप सिंह ने कहा की त्रुटि सुधार के बाद ज्वॉइनिंग में दिक्कत नहीं होगी.
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