Lucknow News: सपा के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान से मौलाना मोहम्मद अली जौहर शोध संस्थान वापस लेने की तैयारी की जा रही है. जिसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ढाई साल पहले शासन को सौंपी गई एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
आजम खान ने 100 रुपए प्रतिवर्ष की लीज पर लिया था संस्थान
आजम खान ने केवल 100 रुपए प्रतिवर्ष की दर से लीज पर शोध संस्थान लिया था. सपा सरकार के कार्यकाल में 33 साल के लिए आजम खान को सरकारी शोध संस्थान लीज पर दिया गया था. दरअसल, शोध संस्थान के उद्देश्य को बदलकर आजम खान ने इस भवन में रामपुर पब्लिक स्कूल खुलवा दिया था. योगी सरकार ने साल 2018 में एसआईटी जांच के आदेश दिए थे.
तत्कालीन अल्पसंख्यक अधिकारी पर लगे ये आरोप
एसआईटी ने 31 जनवरी 2020 को शासन को जांच रिपोर्ट सौंपी थी. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में तीन बिंदुओं पर कारवाई की थी. सरकारी शोध संस्थान की लीज निरस्त करने और भवन निर्माण और उसकी उपयोगिता के संबंध में ऑडिट कराने की संस्तुति की गई थी.
एसआईटी ने तत्कालीन मंडलीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह पर लापरवाही और उदासीनता बरतने का आरोप लगाते हुए विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की. एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने राघवेंद्र प्रताप सिंह पर विभागीय कार्रवाई की मांग की. वर्तमान में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में संयुक्त निदेशक राघवेंद्र प्रताप सिंह को चार्जशीट देकर जवाब मांगा जाएगा.
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