लखनऊ: हाथरस केस को लेकर दंगा फैलाने की साजिश का खुलासा हुआ है. दंगा कराने की साजिश को लेकर मथुरा पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनका संबंध पीएफआई से है. मामले में गिरफ्तार पीएफआई के चारों सदस्यों पर एक और एफआईआर दर्ज कराई गई है. ये एफआईआर मथुरा के मांठ थाने में सब इंस्पेक्टर की तरफ से दर्ज कराई गई है. पीएफआई के चारों सदस्यों पर दंगा भड़काने, हिंसा फैलाने राज्य के खिलाफ विद्रोह पैदा करने समेत तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है.
हिंसा फैलाने के लिए की गई फंडिंग
हाथरस केस में हवाला के जरिए की हिंसा फैलाने के लिए फंडिंग की गई थी. गिरफ्तार पीएफआई सदस्यों के पास से हिंसा फैलाने वाले पंपलेट के साथ मोबाइल और लैपटॉप में आपत्तिजनक कंटेंट भी मिले हैं. हिंसा को अंजाम देने के लिए carrd.co वेबसाइट बनाकर विदेशों से फंड भी इकट्ठा किया जा रहा था. विदेशों से आए फंड के जरिए शांति व्यवस्था भंग करने और दंगा भड़काने की कोशिश की गई थी. फंड के लिए पैसा जिस माध्यम से लिया जा रहा था उसे लेकर कोई वैध प्रक्रिया नहीं अपनाई गई और ये धनराशि जब्त करने योग्य है.
राष्ट्र विरोधी भावनाओं को जागृत किया जा रहा था
पीएफआई के सदस्यों से बरामद पंपलेट Am I not India's daughter, made with Carrd जैसी मुद्रित सामग्री सामाजिक वैमनस्यता बढ़ाने वाले और जन विद्रोह भड़काने वाले हैं. वेबसाइट के जरिए युवाओं में राष्ट्र विरोधी भावनाओं को जागृत किया जा रहा था. मॉब लिंचिंग की घटना का दुष्प्रचार, कोरोना में मजदूरों का पलायन, कश्मीर में विघटनकारी तत्वों के समर्थन में व्यापक प्रचार जैसी कई चीजें वेबसाइट में शामिल हैं. वेबसाइट का मूल उद्देश्य जातिगत विद्वेष को बढ़ावा देना, समाज में अस्थिरता पैदा करना और बड़े पैमाने पर दंगे फैलाए जाना पाया गया है.
पुलिस करेगी जांच
अब पुलिस दोनों वेबसाइट्स की जांच कई बिंदुओं पर करेगी. ये पता किया जाएगा कि वेबसाइट, प्लेटफार्म किसने, किस उद्देश्य से बनाई. अब तक इस वेबसाइट से कितनी धनराशि एकत्र की गई है. जो धनराशि एकत्र की गई है, उसे कहां इस्तेमाल किया गया है और किन लाभार्थियों के खातों में भेजा गया है.
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