UP Politics: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके सहयोगी दल सुभासपा के अध्यक्ष ओपी राजभर के बीच की खाई बढ़ती जा रही है. ऐसे में विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा लखनऊ में हैं जहां सपा कार्यालय पर यशवंत सिन्हा से मुलाकात करने के लिए अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के विधायकों के साथ सहयोगी दल आरएलडी के अध्यक्ष जयंत चौधरी को बुलाया है. वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी जयंत चौधरी मंच पर नज़र आये लेकिन सपा की तरफ से ओपी राजभर को न्यौता नहीं दिया गया.


सपा की तरफ से सुभासपा अध्यक्ष को न बुलाये जाने पर ओपी राजभर ने एबीपी गंगा संवाददाता से फोन पर कहा की शायद अखिलेश यादव को अब उनकी जरुरत नहीं इसीलिए उन्हें नहीं बुलाया गया. ओपी राजभर की बातों में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लेकर नाराज़गी साफ़ झलकी. सपा के सहयोगी दल सुभासपा के 6 विधायक हैं लेकिन उनको आज राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के साथ बैठक और उनकी पीसी के लिए नहीं बुलाया गया.


Gonda News: गोंडा के सरकारी स्कूल को प्रिंसिपल ने बनाया मयखाना, Video Viral होने के बाद हुआ ये एक्शन


उपचुनाव में हार के लिए राजभर ने अखिलेश को ठहराया जिम्मेदार


ओपी राजभर काफी दिनों से अखिलेश यादव पर ये कहकर निशाना साध रहे हैं की उन्हें अब एसी कमरे से बाहर निकलकर कार्यकर्ताओं के बीच जाना चाहिए, संगठन को मजबूत करना चाहिए. आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में हार के बाद राजभर ने अखिलेश के रवैय्ये को जिम्मेदार बताया था. ऐसा लगता है की अखिलेश यादव को ओपी राजभर की ये बातें नागवार गुजरी और इसी वजह से अब ओपी राजभर से किनारा कर रहे हैं.


एमएलसी पद के लिए सुभासपा एक भी उम्मीदवार नहीं


विधान परिषद चुनाव के दौरान भी सुभासपा को उम्मीद थी की एमएलसी पद के लिए एक उम्मीदवार उनकी पार्टी से होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसे लेकर ओपी राजभर के बेटे और सुभासपा नेताओं ने ट्वीट कर नाराजगी भी जताई थी. इसके बाद राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों के नाम तय करते वक्त भी ओपी राजभर को सलाह मशवरे में शामिल नहीं किया गया था.


ये भी पढ़ें-


UP Politics: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस, जयंत चौधरी को बुलाया, राजभर को नहीं दिया न्योता