Lucknow News: यूपी में लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे निर्माण कार्य में लगी पीएनसी और एरीज कंपनी के अफसरों की बेहद शर्मनाक करतूत सामने आई है. जहां कंपनी की हाइड्रा मशीन से मैनेजर के पैर कटने से उसकी मौत हो गई. जिसके बाद इसे हादसा के तौर पर दिखाने के लिए कंपनी अधिकारियों ने उसके शव को सड़क पर फेंक दिया ताकि किसी को ये न लगे कि ये हादसा कंपनी में हुआ है.
खबर के मुताबिक लखनऊ में बंथरा में पीएननसी और एरीज कंपनी सड़क निर्माण कार्य में जुटी हुई है. ये कंपनी लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस वे का निर्माण करा रही है. 3 अप्रैल को इसी काम के दौरान कंपनी में बतौर मैनेजर काम करने वाले देशराम अचानक हाइड्रा मशीन की चपेट में आ गए, जिससे उनके दोनों पैर कट गए, और उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
शव को सड़क किनारे फेंका
आरोप है कि कंपनी अधिकारियों ने इस हादसे के छुपाने के लिए देशराम के शव को सड़क पर फेंकवा दिया ताकि उसकी मौत सड़क हादसा लगे, यही नहीं उउसका मोबाइल, पैसे और कागजात को भी कंपनी ने ठिकाने लगवा दिया. अधिकारियों ने देशराम के शव को उन्नाव के सोहरामऊ में हाईवे के किनारे फेंक दिया.
इस बीच जब देशराम घर नहीं पहुंचे और परिजनों से उनका कोई संपर्क नहीं हो पाया तो घरवालें परेशान हो उठे. जिसके बाद उन्होंने बंथरा थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. इधर चार अप्रैल को उन्नाव पुलिस के लावारिस हालात में देशराम को शव का मिला. परिजनों को कपड़े और फ़ोटो दिखाकर पहचान कराई गई तब उसकी पहचान हो सकी.
केस दर्ज
पुलिस ने जब इस मामले की जांच की तो पता चला कि देशराम के हाइड्रा मशीन में फंसकर पैर कट गए थे, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. पीएनसी और एरीज कंपनी के अधिकारियों ने उसके शव को सड़क पर फेंक दिया था ताकि किसी को इस बारे में पता न चल सके.
पुलिस ने इस मामले में दोनों कंपनियों के मालिक डीजीएस साहू, गोपाल पात्रा, मृत्युंजय समेत पांच के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. इन सभी पर हत्या, साक्ष्य मिटाने और साज़िश रचने की धारा में केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है जिनसे पूछताछ की जा रही है.