लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक युवक ने ट्रेनी आईपीएस प्राची सिंह पर फर्जी आरोप में फंसाने की बात कह कर आत्महत्या कर ली थी. जिस मामले में लखनऊ पुलिस ने अपनी सफाई देते हुए सभी आरोपों को निराधार बताया है. अलीगंज के विशाल सैनी ने अपने सुसाइड नोट में आईपीएस प्राची सिंह का नाम लिया था, जिस पर लखनऊ पुलिस ने सभी आरोपों का खंडन कर दिया है.


लखनऊ पुलिस ने आरोपों को बताया फर्जी


मामले में लखनऊ पुलिस की तरफ से स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा गया कि, पूरी कार्रवाई नियमानुसार की गई थी. विशाल की गिरफ्तारी 13 फरवरी को इंदिरानगर के स्टाइल इन दी ब्यूटी सैलून एंड स्पा सेंटर से 3 अन्य युवकों और 5 युवतियों के साथ की गई थी. वह जेल से 5 मार्च को छूटकर आया. इस दौरान विशाल या उसके परिवार के लोगों ने एक बार भी उसे न निर्दोष बताया और न ही पुलिस के किसी अधिकारी-कर्मचारी पर आरोप लगाया. हालांकि, पुलिस ने इस गंभीर मामले में जांच तक कराने की जरूरत नहीं समझी.


केस दर्ज कराने थाना पहुंचे परिवारवालों को टरकाया


आईपीएस अधिकारी प्राची सिंह पर मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर विशाल सैनी के पिता अर्जुन व परिवार के लोग गुरुवार दोपहर अलीगंज थाना पहुंचे. जहां से मामला हसनगंज का बताते हुए उन्हें वहां भेज दिया गया. पिता ने हसनगंज पुलिस को आईपीएस के खिलाफ तहरीर दी पर एफआईआर दर्ज करने के बजाय उन्हें टरका दिया गया.


पिता का कहना है कि बेटे की आत्‍महत्‍या के मामले में आईपीएस अधिकारी जिम्‍मेदार हैं. उनकी वजह से ही बेटे ने आत्‍महत्‍या की है इसलिए आईपीएस पर मुकदमा दर्ज किया जाए. हालांकि, पुलिस इस मामले में किसी तरह की कार्रवाई करती नज़र नही आ रही. विशाल के परिवार के लोगों का कहना है कि पुलिस ने तहरीर ले ली है, लेकिन कोई रिसीविंग नही दी.


ट्रेन के सामने कूदकर दी थी जान


बता दें कि विशाल ने बुधवार सुबह रैदास मंदिर रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी. मरने से पहले उसने यूपी 112 नंबर पर कॉल करके खुदकुशी करने की जानकारी दी. पुलिस को विशाल के पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए प्रशिक्षु आईपीएस प्राची को जिम्मेदार ठहराया है.


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