Cyber Crime: साइबर अपराध पर नकेल कसने की तैयारी, हर थाने में बनेगी साइबर डेस्क...आपको करना होगा ये काम
Cyber Desk: साइबर डेस्क (Cyber Desk) बनने से साइबर क्राइम के शिकार लोगों को साइबर सेल (Cyber Cell) से थाना-चौकी के बीच भटकना नहीं होगा और वो अपने नजदीकी थाने में ही साइबर डेस्क पर शिकायत कर सकेंगे.
UP Cyber Crime News: साइबर क्राइम (Cyber Crime) की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए अब सभी थानों में साइबर डेस्क (Cyber Desk) बनाई जाएगी. डीजीपी मुकुल गोयल (DGP Mukul Goel) ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं. साइबर डेस्क बनने से साइबर क्राइम के शिकार लोगों को साइबर सेल से थाना-चौकी के बीच भटकना नहीं होगा और वो अपने नजदीकी थाने में ही साइबर डेस्क पर शिकायत कर सकेंगे. साइबर डेस्क को सीधे संबंधित रेंज के साइबर थाने से भी जोड़ा जाएगा. साइबर अपराध की सूचना मिलते ही पुलिस (Police) तत्काल कार्रवाई करेगी इस तरह की घटनाओं पर लगाम कसेगी.
प्रदेश के हर जिले में होगा एक साइबर थाना
फिलहाल, प्रदेश के सभी रेंज मुख्यालय पर 18 साइबर थाने हैं. हालांकि, दूरदराज के लोग इन थानों में शिकायत लेकर नहीं पहुंच पाते जिससे उनकी रकम वापस दिलाने का समय निकल जाता है. साइबर क्राइम का शिकार व्यक्ति जितनी जल्दी पुलिस को सूचना देगा, उतनी जल्दी और बेहतर कार्रवाई की जा सकेगी. इसी व्यवस्था से साइबर क्राइम को बढ़ने से रोका जा सकता है. यही वजह है कि हर जिले में कम से कम एक साइबर थाना बनाने की व्यवस्था की जा रही है. इससे पहले हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क बनाई जाएगी, जहां साइबर क्राइम के शिकार लोग अपनी सूचनाएं और शिकायतें दर्ज करा सकेंगे.
हेल्पलाइन नंबर 155260 सिर्फ ठगी गई रकम वापस कराने के लिए
राष्ट्रीय स्तर पर एक हेल्पलाइन नंबर वन 1552600 जारी किया गया है, लेकिन ये नंबर सिर्फ साइबर ठगी के शिकार लोगों की मदद करता है. इस नंबर पर कॉल करके लोग अपने साथ हुई ठगी की सूचना और शिकायत दर्ज करा सकते हैं जिससे उनके पैसे वापस दिलाने की कार्रवाई की जाती है. अन्य साइबर अपराधों के लिए ये नंबर काम नहीं करता. अगर किसी की सोशल मीडिया आईडी हैक हो गई है, कोई महिलाओं या लड़कियों को अभद्र मैसेज भेजकर परेशान कर रहा है या फिर कंप्यूटर हैक करके फिरौती मांगने का कोई मामला है तो उसकी सुनवाई साइबर डेस्क अथवा साइबर सेल के जरिए ही हो सकती है.
साइबर थानों में अब तक 617 मुकदमे, 439 आरोपी किए गए गिरफ्तार
प्रदेश के 18 साइबर थानों में वर्ष 2016 से अब तक कुल 617 मुकदमे दर्ज किए गए हैं जिसमें से 439 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक 167 मामलों में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जा चुकी है और 43 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगी है. पकड़े गए अधिकतर लोगों के संबंध झारखंड के गैंग से जुड़े पाए गए हैं. देशभर में काम कर रहे साइबर गैंग ने 2016 से अब तक प्रदेश के लोगों से 57 करोड़ से अधिक की रकम ठगी है. पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनसे लगभग 2 करोड़ों रुपए नकद बरामद किए हैं जबकि 5 करोड़ रुपए विभिन्न बैंक खातों में फ्रीज कराए हैं.
बढ़ते जा रहे साइबर अपराध के आंकड़े
- वर्ष 2020 में 10620 मुकदमे दर्ज हुए जिसमें 2198 में चार्जशीट लगाई गई. जबकि, 3673 में फाइनल रिपोर्ट लगाई गई.
- वर्ष 2019 में 9005 मुकदमे दर्ज हुए जिसमें 2181 में चार्जशीट लगी. जबकि, 5079 में फाइनल रिपोर्ट लगाई गई.
- 2018 में 5229 मुकदमे दर्ज हुए जिसमें 1722 में चार्जशीट लगी. जबकि, 3150 में फाइनल रिपोर्ट लगाई गई.
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