Congress Worker Death: लखनऊ में बुधवार (18 दिसंबर) को यूपी विधानसभा घेराव के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. पुलिस ने मृतक के चाचा मनीष कुमार पांडेय की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. घटनास्थल की फॉरेंसिक जांच पड़ताल भी की गई है.
डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मृतक प्रभात पांडे के चाचा मनीष कुमार पांडे की तहरीर पर थाना हुसैनगंज पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. चाचा के मुताबिक प्रभात पांडे 2 घंटे तक कांग्रेस कार्यालय पर बेहोश था, जिसके बाद इनोवा गाड़ी से उसे सिविल अस्पताल पहुंचाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
मामले की जांच में जुटी पुलिस
डीसीपी ने कहा कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जाँच शुरू कर दी है. फॉरेंसिक टीम ने भी मौके पर जाकर जाँच पड़ताल की हैं. मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. डॉक्टरों का पैनल वीडियोग्राफी के साथ शव का पोस्टमार्टम करेगा. पुलिस इस मामले में सभी एंगल को ध्यान में रखकर जांच कर रही है. घटना में जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मृतक के चाचा ने अपनी तहरीर में बताया है कि उनका भतीजा प्रभात कुमार पांडेय (31) गोमतीनगर में एक पीजी में रहकर तैयारी कर रहा था. शाम को उन्हें कांग्रेस दफ्तर से फोन आया था कि वो करीब दो घंटे से कांग्रेस दफ्तर में बेहोशी की हालत में पड़ा है. उसे कोई बीमारी नहीं थी, उन्होंने प्रभात के साथ अनहोनी होने की आशंका जताई है.
इस मामले पर सियासत भी तेज हो गई है. यूपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने मृतक के परिवार को दस लाख रुपये देने का ऐलान किया है और यूपी सरकार से एक करोड़ रुपये और एक सरकारी वकील देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि दमनकारी सरकार की वजह से ऐसा हो रहा है. पुलिस की मार की वजह से उसकी मौत हुई.