लखनऊ में लापता बच्ची को पुलिस ने 6 घंटे में ढूंढ निकाला, रात भर चला सर्च ऑपरेशन
लखनऊ पुलिस के उस वक्त हाथ पांव फूल गये जब उसे एक लड़की की गुमशुदगी की शिकायत मिली. काननू व्यवस्था को लेकर पहले ही यूपी पुलिस निशान पर है. लिहाजा पुलिस ने रात भर सर्च ऑपरेशन चलाया और आखिरकार बच्ची को ढूंढ निकाला
लखनऊ: लखनऊ में बीते महीने सड़क पर घूम रहे अपराधियों पर नकेल कसने और आम आदमी को सुरक्षा का एहसास कराने के लिए लागू की गई पॉली गन पुलिसिंग की व्यवस्था शनिवार को एक आठ साल की मासूम बच्ची की बरामदगी के लिए वरदान साबित हुई. दरअसल शनिवार सुबह से लापता हुई मूक बधिर बच्ची की सूचना परिवार वालों ने 12 घंटे बाद पुलिस को दी. थाने पर सूचना गई आला अधिकारियों के संज्ञान में मामला आया और नतीजा सुबह 2 बजे बच्ची सकुशल ढूंढ ली गई.
बाजार खाला थाना क्षेत्र के सराय आदरणीय में रहने वाले मोहम्मद सलीम की 8 साल की बेटी रमसा मूक बधिर के साथ-साथ मंदबुद्धि भी है. लिहाजा परिवार अपनी बेटी को घर में ही रखता था. शनिवार सुबह अचानक आठ साल की रमसा घर से बाहर कहीं चली गई. दिन भर घर वाले बाजार खाला व आस-पास के इलाकों में ढूंढते रहे. कोई सुराग नहीं मिला तो शाम 7:30 बजे घर वालों ने पुलिस को सूचना दी. सवाल आठ साल की मंद बुद्धि मूक बधिर बच्ची की जिंदगी का था. हैवानियत और अनहोनी की आशंका ने पुलिस अफसरों की नींद उड़ा दी. आनन-फानन में इलाके के सीसीटीवी खंगाले गये, एक सीसीटीवी में बच्ची के जाने का सुराग हाथ लगा.
इस रणनीति से मिली सफलता
पुलिस अफसरों ने इलाके में सक्रिय पॉलीगन योजना के तहत बाइक पर गश्त कर रहे दो पुलिसकर्मियों को पॉलीगन टीम के साथ साथ पीआरवी गाड़ियों को दौड़ाया गया. हर संभव जगह पर बच्ची को ढूंढा गया. जिसका नतीजा था कि सुबह 2:00 बजे बच्ची सकुशल बरामद हो गई. करीब छह घंटे के इस सर्च ऑपरेशन में 100 पुलिसकर्मियों को बाजार खाला, तालकटोरा, ठाकुरगंज, सहादतगंज, चौक की हर गली में भेजा गया. खुद लखनऊ पुलिस कमिश्नर बाजार खाला के चौराहे पर खड़े होकर पुलिस टीमों से जानकारी लेते रहे. इस बीच मेडिकल कॉलेज चौराहे के पास बंद दुकान पर लेटी एक बच्ची पर पुलिस टीम की नजर गई. बातचीत न कर पाने की हालत और परिजनों के द्वारा दी गई तस्वीर से बच्ची की शिनाख्त रमसा के तौर पर हुई. परिजनों ने भी नहीं सोचा था कि पूरे इलाके की पुलिस फोर्स रात भर उनकी बच्ची को ढूंढने में लगा देगी.
दरअसल रमसा की गुमशुदगी लखनऊ पुलिस के लिए उस खतरे की आशंका थी जिसका वह खुद ना तो बयां कर सकती थी और ना ही किसी को कुछ बता पाती. ऐसे में पुलिस अफसरों के लिए होने वाली इस अनहोनी की आशंका भर ने रात की नींद उड़ा दी थी और नतीजा सात घंटे की मेहनत में बच्ची बरामद हो गई.
ये भी पढ़ें.
कोरोना वायरस: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब हफ्ते में 3 दिन रहेगा लॉकडाउन
यूपी: सुल्तानपुर के एसपी ने भेष बदलकर किया ये काम, पुलिसकर्मियों को मिल गया इनाम